नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का भजन एकदम साफ है वह प्रदेश की सुरक्षा को लेकर बिल्कुल भी कोताही नहीं बरतना चाहते हैं इसी को देखते हुए एक के बाद एक गृह मंत्रालय जम्मू कश्मीर को लेकर बड़े फैसले ले रहा है। इसके साथ ही जम्मू में आतंकी घटनाओं की जांच NIA से कराने का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फैसला काफी अहम है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के सहयोग से होने वाली इस तहकीकात का मकसद पाकिस्तान स्थित आतंकी गुटों की मिलीभगत को सामने लाना है। इसका फोकस खास तौर से लश्कर-ए-तैएबा पर रहने वाला है। मालूम हो कि इस महीने राजौरी में हुए 2 आतंकवादी हमलों को ध्यान के रखकर यह कदम उठाया जा रहा है। 2023 की शुरुआत में ही यानी 1 और 2 जनवरी को राजौरी के धांगरी गांव में दो बच्चों समेत 7 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ये सभी जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से थे।
आपको बता दें कि सरकारी इनपुट से यह जानकारी सामने आई है कि हमलावर लाहौर स्थित लश्कर ग्रुप से जुड़े हुए थे। इस गुट का सरगना पाकिस्तानी नागरिक सैफुल्लाह सज्जाद जट्ट और उसकी कश्मीरी पत्नी है। इनका टारगेट राजौरी और पूंछ जिलों में हिंदुओं के बीच दहशत फैलाना है। जम्मू इलाके में दहशतगर्दी फैलाने की कोशिश में आतंकी ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान स्थित यह आतंकी गुट जम्मू इलाके में दहशतगर्दी को फिर से फैलाने की कोशिश में है। इसके लिए हरकत-उल-इस्लामी (HuJI) का चीफ नरिरुल्लाह मंसूर अपनी ग्रुप एक्टिविटीज को तेज कर रहा है। इस काम के लिए उसे कुवैत और कतर से फंड भी हासिल हो रहा है। साथ ही साथ राजौरी और पूंछ के मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ढकलेने का काम जारी है। HuJI के गुर्गे शमशेर नाई, इमरान जफरवाल, रफीक नाई भी नार्को-टेरर फाइनेंस मॉड्यूल चलाने में शामिल हैं।
इस बारे में बात करते हुए भारत सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘जैसा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस FIR दर्ज करती है और आतंकवादियों को ढेर करने के बाद मामला बंद कर दिया जाता है मगर एनआईए फुल ऑपरेशन करने जा रही है। इसमें फंडिग का पता चलाना, ओवरग्राउंड वर्कर्स की शिनाख्त करना, स्पॉटर्स और अपराधियों को सामने लाना शामिल है।’ ‘आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का खाका तैयार’ अमित शाह ने जम्मू राजभवन में शुक्रवार को उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने जम्मू क्षेत्र के लोगों को नई कार्ययोजना के साथ सुरक्षित माहौल का आश्वासन दिया है। इस जम्मू कश्मीर के लोगों को सुरक्षित वातावरण मिलेगा।
जम्मू कश्मीर की सुरक्षा को लेकर बात करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि समयबद्ध कार्य योजना तैयार की गई है, जिसमें जम्मू संभाग के सभी क्षेत्रों में तीन महीने के भीतर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की परिकल्पना की गई है। उन्होंने कहा, ‘बैठक में जमीनी कार्यकर्ताओं, आतंकी समूहों की सहायता प्रणाली और उनके मुखबिरों के मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा हुई। हम कह सकते हैं कि (आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए) सुरक्षा खाका तैयार किया गया है। खुफिया एजेंसियों ने भी अपनी गतिविधियां बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार की है।