
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि ब्रिक्स संगठन में शामिल देश डॉलर को कमजोर करने के लिए अपनी एकल मुद्रा लाने की तैयारी कर रहे हैं। ट्रंप ने ये भी कहा है कि अगर ब्रिक्स ने डॉलर को कमजोर करने की कोशिश की, तो उसके सदस्य देशों से अमेरिका आयात होने वाली चीजों पर वो 100 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। भारत भी ब्रिक्स संगठन का सदस्य है। ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या ब्रिक्स देशों की तरफ से डॉलर को कमजोर करने की किसी तैयारी में भारत भी शामिल है? विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में इस सवाल पर भारत सरकार का पक्ष रखा है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में लिखित सवाल का जवाब देत हुए बताया कि डॉलर को कमजोर करने या ब्रिक्स देशों के लिए समान मुद्रा बनाने की किसी कोशिश का भारत हिस्सा नहीं है। विदेश मंत्री जयशंकर पहले भी ये बात विदेश दौरे में कह चुके हैं। जयशंकर ने कहा है कि डॉलर पर किसी तरह का हमला भारत की रणनीतिक, राजनीतिक या आर्थिक नीति में शामिल नहीं है। जयशंकर के मुताबिक अमेरिका के अफसरों से बातचीत में कई बार भारत ये बात कह चुका है। जयशंकर ने कहा कि ब्रिक्स देशों के पास समकालीन मुद्दों पर अलग-अलग नजरिया हो सकता है। जयशंकर ने लोकसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में ब्रिक्स का कड़ा बचाव भी किया है।
जयशंकर ने लोकसभा में सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि ब्रिक्स संगठन अपने सदस्य देशों की समान चिंताओं का प्रतिनिधित्व करता है। जयशंकर ने कहा कि ब्रिक्स ऐसा मंच है, जो बीते 20 साल में अपने एजेंडा और सदस्यता को बढ़ा चुका है। उन्होंने कहा कि कोशिश इसकी है कि ब्रिक्स की गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बेहतर समझा जाए। विदेश मंत्री जयशंकर ने जवाब में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ब्रिक्स के बारे में अच्छे से समझाने की भारत कोशिश कर रहा है।