पटना। आने वाली 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक है। मोदी-बीजेपी को सत्ता से हटाओ अभियान के तहत विपक्ष के नेता बैठक करने वाले हैं। दावा किया जा रहा है कि इस बैठक में 17 विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे। इस बीच, खबर ये भी है कि विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने से पहले कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे पटना में अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। हिंदी अखबार दैनिक हिंदुस्तान ने बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के हवाले से ये खबर दी है। चर्चा इसकी है कि राहुल और खरगे विपक्षी दलों की बैठक से पहले अपने कार्यकर्ताओं से आखिर क्यों मिलने वाले हैं?
पटना के सदाकत आश्रम में राहुल गांधी और खरगे के बिहार कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलने और बैठक से क्या ये संकेत नहीं जाता कि पहले अपने लोगों को मनाकर ही विपक्ष के साथ एकजुटता में शामिल होने की तैयारी कांग्रेस कर रही है? अपने लोगों की राय जानकर ही क्या कांग्रेस विपक्ष की मोदी विरोधी विपक्षी एकता से मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी? इन सवालों का जवाब 23 जून की शाम तक मिलने के आसार हैं। दरअसल, कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता हमेशा राहुल में अगला पीएम देखते हैं। अगर विपक्षी एकता के साथ कांग्रेस कदम बढ़ाती है, तो तमाम और नेता भी पीएम बनने की रेस में हैं। इनमें ममता बनर्जी भी शामिल हैं। ममता के अलावा लोकसभा चुनाव जीतने पर अहम ओहदा पाने की चाह दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं की भी है।
बहरहाल, 23 जून को विपक्ष की संयुक्त बैठक से पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार चेन्नई जाने वाले हैं। वहां वो डीएमके चीफ और सीएम एमके स्टालिन से मुलाकात करेंगे। जेडीयू सूत्रों का कहना है कि स्टालिन को पटना आने के लिए न्योता देने नीतीश कुमार चेन्नई जा रहे हैं। पहले ये खबर थी कि बैठक में स्टालिन शायद न आएं और अपनी पार्टी के किसी नेता को भेजें।