नई दिल्ली। युद्ध की शुरुआत यानी गुरुवार से आज चौथे दिन भी रूस द्वारा यूक्रेन पर लगातार हमले जारी हैं। खबर है कि रूस, यूक्रेन के कई शहरों में प्रवेश कर चुका है, और यूक्रेनियन राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की के अनुसार उसने यूक्रेन के रिहाइशी इलाकों पर भी हमला शुरू कर दिया है। ताजा अपडेट यह है कि यूक्रेन, रूस के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट में अर्जी लेकर पहुंचा है। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते शरणार्थियों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। शरणार्थी वे हैं जो युद्ध से प्रभावित होकर अपना घर-बार छोड़कर दूसरे देश में शरण लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं। वे बिना ये सोचे कि वे कहां रहेंगे? क्या खाएंगे? उन्हें तो बस अपनी जान बचानी है और वे इसी के लिए अपना घर द्वार छोड़ रहे हैं। लेकिन इसी बीच मानवता को प्रदर्शित और प्रेरित करती एक खबर सामने आ रही है। खबर ये है कि यूक्रेन में मौजूद जितने भी गुरुद्वारे और इस्कॉन मंदिर हैं, वे सभी पीड़ितों की सहायता के लिए आगे आ रहे हैं। ये भारतीय संस्कृति और परंपरा का ही असर है कि इस देश के लोग जहां भी जाते हैं अपनी खुशबू से आसपास सुगंध फैलाते हैं। बहरहाल, आइए जानते हैं कि वे कैसे मदद कर रहे हैं..
रवींद्र सिंह ने ट्वीट किया वीडियो
खालसा एआईडी के फाउंडर और सीईओ रवींद्र सिंह ने ट्विटर के माध्यम से एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे चलती ट्रेन में विभिन्न देशों के छात्रों को खाना परोसा जा रहा है। सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘ये लोग भाग्यशाली हैं जो इस ट्रेन पर सवार हैं, ये ट्रेन पूर्वी यूक्रेन से होते हुए पोलैंड के लिए रवाना हो रही है। हरदीप सिंह विभिन्न देशों के छात्रों को लंगर और सहायता उपलब्ध करा रहे हैं। वाह! क्या शानदार आदमी हैं!’ बता दें कि इसके अलावा भी कई ऐसे दृश्य सामने आए हैं, जिनमें वहां बसे भारतीय लोग मदद करते दिख रहे हैं।
#Ukraine: Guru Ka Langar on a train
These guys were fortunate to get on this train which is travelling east of Ukraine to the west (to Polish border )
Hardeep Singh has been providing Langar and assistance to many students from different countries.What a guy#UkraineRussia pic.twitter.com/CyWZnWVePz
— ravinder singh (@RaviSinghKA) February 25, 2022
डा.विजय चौथाइवाले ने भी किया ट्वीट
इसके अलावा पेशे से वैज्ञानिक और मैनेजर डा.विजय चौथाइवाले ने ट्वीट कर लिखा कि ‘जब भी कोई समस्या उत्पन्न होती है तो प्रवासी भारतीय मदद के लिए आगे आते हैं। यूक्रेन से कुल 40 रिफ्यूजी वर्साय पहुंच चुके हैं, और उन्हें वहां के स्थानीय गुरुद्वारे में शरण दी गई है। इसके अलावा 30 और रास्ते में हैं, और उन्हें भी लोकल टेंपल में ठहराया जाएगा।’
Whenever there is crisis, Indian diaspora come forward to help. Today 40 refugees from Ukraine reached Warsaw and they have been given shelter in local Gurudwara. Another thirty are on way and they will be staying in local temple. @narendramodi @DrSJaishankar pic.twitter.com/W9aweEwGcE
— Dr Vijay Chauthaiwale (@vijai63) February 26, 2022
इस्कॉन टेंपल के दरवाजे भी सबके लिए खुले
वहीं, यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) ने भी यूरोप के पूर्वी हिस्से में जरूरतमंदों के लिए मंदिर के द्वार खोल दिए हैं। राधारमण दास (उपाध्यक्ष,इस्कॉन कोलकाता) ने बताया, ‘पूरे यूक्रेन में इस्कॉन मंदिर जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए तैयार हैं। हमारे भक्त संकट में पड़े लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे मंदिर के दरवाजे सेवा के लिए खुले हैं। यूक्रेन में इस्कॉन के 54 से अधिक मंदिर हैं और हमारे भक्त कोशिश कर रहे हैं कि किसी भी तरह से दूसरों की सेवा करें। रविवार सुबह हमें कीव में अपने भक्तों से एक अपडेट मिला और भगवान कृष्ण की कृपा से वे सभी सुरक्षित हैं और हमारे 54 मंदिर भी सुरक्षित हैं।’
Thread | All 54 ISKCON temples are providing food to needy people in Ukraine…
Say “Hare Krishna”
1/4 pic.twitter.com/B9p1q7yLhX— हमारे मंदिर (@ourtemples_) February 27, 2022