
नई दिल्ली। महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने सांगली जिले में पड़ने वाले इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। महाराष्ट्र विधानसभा में मानसून सत्र के आखिरी दिन आज मंत्री छगन भुजबल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को अब केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा, जो नाम बदलने पर अंतिम निर्णय लेगी। भुजबल ने कहा कि केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही इस प्रस्ताव को पूरी तरह से स्वीकार माना जाएगा। हिंदूवादी संगठन शिव प्रतिष्ठान ने सांगली के कलेक्टर को इस संबंध में एक पत्र लिखा था और इस्लामपुर का नाम बदलने की मांग की थी।
Mumbai, Maharashtra: On the renaming of Islampur to Ishwarpur, Samajwadi Party MLA Rais Shaikh says, “Develop the city whose name you are changing; changing the name doesn’t change the situation…” pic.twitter.com/6DTKzJuxfo
— IANS (@ians_india) July 18, 2025
शिव प्रतिष्ठान के प्रमुख संबाजी भिडे के समर्थकों ने इस्लामपुर का नाम ईश्वरपुर किए जाने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन चलाया था। उन्होंने कहा था कि जब तक इस्लामपुर को ईश्वरपुर नहीं किया जाता तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे। वहीं, क्षेत्र के एक शिवसेना नेता ने बताया कि साल इस्लामपुर का नाम ईश्वरपुर किए जाने की मांग साल 1986 से मांग लंबित थी। उधर, इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने पर समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नाम बदलने से हालात नहीं बदलते। जिस शहर का नाम बदल रहे हैं, उसका विकास होना चाहिए।
VIDEO | Mumbai: Congress MLA Amin Patel reacted to Islampur being renamed Ishwarpur. He said, “This government is trying to mislead people by constantly changing names instead of focusing on real issues like employment, education, and healthcare.”
For the unversed, the Devendra… pic.twitter.com/AdMvx8ntLl
— Press Trust of India (@PTI_News) July 18, 2025
उधर कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने कहा कि यह सरकार रोज़गार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय लगातार नाम बदलकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार इससे पहले भी दो शहरों का नाम बदल चुकी है। सरकार ने औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर कर दिया है। छत्रपति संभाजी छत्रपति शिवाजी महाराज के बड़े पुत्र थे। उन्होंने मुगलों से लोहा लेते हुए उनको नाको चने चबवाए थे। बाद में कुछ अपनों की गद्दारी के कारण मुगल बादशाह औरंगजेब ने उनको बंदी बना लिया था और उनकी हत्या कर दी थी।