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Islampur To Be Renamed As Ishwarpur : इस्लामपुर का नाम बदलकर अब होगा ईश्वरपुर, महाराष्ट्र सरकार ने प्रस्ताव को किया स्वीकार

Islampur To Be Renamed As Ishwarpur : महाराष्ट्र विधानसभा में मानसून सत्र के आखिरी दिन आज मंत्री छगन भुजबल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को अब केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा, जो नाम बदलने पर अंतिम निर्णय लेगी। भुजबल ने कहा कि केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही इस प्रस्ताव को पूरी तरह से स्वीकार माना जाएगा। हिंदूवादी संगठन शिव प्रतिष्ठान ने सांगली के कलेक्टर को इस संबंध में एक पत्र लिखा था और इस्लामपुर का नाम बदलने की मांग की थी।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने सांगली जिले में पड़ने वाले इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। महाराष्ट्र विधानसभा में मानसून सत्र के आखिरी दिन आज मंत्री छगन भुजबल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को अब केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा, जो नाम बदलने पर अंतिम निर्णय लेगी। भुजबल ने कहा कि केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही इस प्रस्ताव को पूरी तरह से स्वीकार माना जाएगा। हिंदूवादी संगठन शिव प्रतिष्ठान ने सांगली के कलेक्टर को इस संबंध में एक पत्र लिखा था और इस्लामपुर का नाम बदलने की मांग की थी।

शिव प्रतिष्ठान के प्रमुख संबाजी भिडे के समर्थकों ने इस्लामपुर का नाम ईश्वरपुर किए जाने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन चलाया था। उन्होंने कहा था कि जब तक इस्लामपुर को ईश्वरपुर नहीं किया जाता तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे। वहीं, क्षेत्र के एक शिवसेना नेता ने बताया कि साल इस्लामपुर का नाम ईश्वरपुर किए जाने की मांग साल 1986 से मांग लंबित थी। उधर, इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने पर समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नाम बदलने से हालात नहीं बदलते। जिस शहर का नाम बदल रहे हैं, उसका विकास होना चाहिए।

उधर कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने कहा कि यह सरकार रोज़गार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय लगातार नाम बदलकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार इससे पहले भी दो शहरों का नाम बदल चुकी है। सरकार ने औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर कर दिया है। छत्रपति संभाजी छत्रपति शिवाजी महाराज के बड़े पुत्र थे। उन्होंने मुगलों से लोहा लेते हुए उनको नाको चने चबवाए थे। बाद में कुछ अपनों की गद्दारी के कारण मुगल बादशाह औरंगजेब ने उनको बंदी बना लिया था और उनकी हत्या कर दी थी।