
नई दिल्ली। आज वो खास दिन है जब संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिल पेश कर अनुच्छेद 370 का खात्मा कर दिया था। साल 2019 में आज ही के दिन धारा 370 हटाई गई थी और जम्मू कश्मीर राज्य से एक केंद्र शासित प्रदेश बना था। आज शुक्रवार 5 अगस्त को जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य का दर्जा रद्द देने के तीन साल पूरे हो चुके हैं। हालांकि इतने सालों बाद भी आतंक का पनाहगाह पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और लगातार सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है। हालांकि भारत भी अब पाक को मुंहतोड़ जवाब देने में पीछे नहीं रहता। तो चलिए इस खबर में जानते हैं इन तीन सालों में कितनी बदल गई है जन्नत की तस्वीर
370 हटने से इन्हें मिली आजादी
साल 2019 में जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया गया था। इस धारा के हटने के साथ ही जम्मू-कश्मीर राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बना था। एक तरफ जहां देश में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने की खुशी है तो वहीं, घाटी के कुछ सियासतदान इसे काला दिवस बताकर अपना विरोध जता रहे हैं। ये कुछ लोग भले ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने से खुश न हो लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं जो कि 15 अगस्त से पहले ही यानी आज के इस दिन को ही आजादी का दिन मानते हैं। इन लोगों में पाकिस्तान से भारत आए विस्थापित भी शामिल हैं।
370 हटने से पहले क्या था
- अलग झंडा
- अनुच्छेद 356 लागू नहीं
- अल्पसंख्यकों को नहीं था आरक्षण
- दूसरे राज्यों के लोग नहीं खरीद सकते थे यहां जमीन
- नहीं था RTI Act
- 6 साल का था सरकार का कार्यकाल
- J&K का हिस्सा लद्दाख था
अब क्या हुआ है बदलाव
- तिरंगा अब बना वहां झंडा
- अनुच्छेद 356 हुआ लागू
- अल्पसंख्यकों को मिला आरक्षण
- कोई भी भारतीय खरीद सकता है जमीन
- लागू है RTI Act
- 5 साल है सरकार का कार्यकाल
- लद्दाख एक अलग केंद्र शासित प्रदेश
पर्यटन को मिला फायदा
अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को लेकर से पहले कश्मीर घाटी में कई प्रतिबंधों और कर्फ्यू लगाना पड़ा था। हालांकि बाद में अधिकारियों ने प्रतिबंधों को हटा दिया था और हिरासत में लिए गए राजनेताओं को भी रिहा कर दिया गया था। अनुच्छेद 370 और 35 (ए) के निरस्त होने के बाद राज्य में पर्यटन क्षेत्र को काफी फायदा हुआ। यहां आने वालें लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई। मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक कदम के बाद बुनियादी ढांचे के विकास, कनेक्टिविटी में सुधार और बेहतर कानून व्यवस्था के कारण केंद्र शासित प्रदेश में लगातार वृद्धि हो रही है।