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Jammu Kashmir: मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने स्थापित किया कंट्रोल रूम

Jammu and Kashmir: उद्योग और वाणिज्य विभाग के निदेशक अनु मल्होत्रा ​​द्वारा जारी इस आदेश में हालांकि यह उल्लेख नहीं किया गया है कि क्या गैर सरकारी संगठनों और अन्य स्वयंसेवी समूहों को ऑक्सीजन सिलेंडर भरने की अनुमति होगी या नहीं।

नई दिल्ली। बुधवार को जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने जीवन रक्षक गैस की आपूर्ति और उसके वितरण को लेकर की निगरानी और प्रबंधन के लिए जम्मू में 24×7 ‘ऑक्सीजन वॉर रूम’ स्थापित किया। इसके जरिए प्रशासन ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर निगरानी रखेगी और जरूरतमंदों तक इसे पहुंचाने में मदद करेगी। बता दें कि ऑक्सीजन को लेकर लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाये थे कि एनजीओ और स्वयंसेवी समूह सरकार से किसी भी मदद के अभाव के चलते कोविड -19 रोगियों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने में असमर्थ थे। इसकी सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई थी। ऐसे में अब जम्मू कश्मीर प्रशासन इस तरह का सराहनीय कदम उठाने के बाद ऑक्सीजन वॉर रूम बनाया है। गौरतलब है कि, एक अधिकारी ने इसको लेकर जानकारी दी कि, “बुधवार को जम्मू संभाग के उद्योग और वाणिज्य (आई एंड सी) विभाग ने ऑक्सीजन की आपूर्ति और वितरण की निगरानी और प्रबंधन के लिए उद्योग भवन में 24×7 ऑक्सीजन वॉर रूम (नियंत्रण कक्ष) की स्थापना की है।”

उन्होंने कहा कि नियंत्रण कक्ष के लिए मधुर आनंद को नोडल अधिकारी के रूप में चुना गया है, और जनता आपात स्थिति में 9469593931 और 9469593933 नंबरों पर संपर्क कर सकती है। उद्योग और वाणिज्य विभाग के निदेशक अनु मल्होत्रा ​​द्वारा जारी इस आदेश में हालांकि यह उल्लेख नहीं किया गया है कि क्या गैर सरकारी संगठनों और अन्य स्वयंसेवी समूहों को ऑक्सीजन सिलेंडर भरने की अनुमति होगी या नहीं।

Manoj Sinha angry

बता दें कि राज्य में कोरोना प्रभावित लोगों के लिए भी उपराज्यपाल पूरी तरह से सक्रिय हैं। गौरतलब है कि सोमवार को केंद्र शासित प्रदेश के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के कोविड योद्धाओं के लिए विशेष वित्तीय प्रोत्साहन को उन्होंने मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के सीमावर्ती कार्यकर्ताओं ने रोगियों के कीमती जीवन को बचाने के लिए चुनौतीपूर्ण कोविड महामारी में मूल्यवान सेवाएं दी हैं। हालांकि इन कोविड योद्धाओं द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की भरपाई नहीं की जा सकती है, फिर भी केंद्र शासित प्रदेश की सरकार ने उनके प्रयासों को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है।