बेंगलुरु। कर्नाटक में सिद्धारामैया सरकार के खिलाफ बीजेपी और जेडीएस एकजुट हो गए हैं। जेडीएस के नेता और पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने ये एलान किया है। कुमारस्वामी ने कहा कि पार्टी के बारे में फैसला लेने के लिए उनको पिता और पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा ने अधिकृत किया है। जेडीएस के विधायक दल की बैठक गुरुवार को हुई थी। इस बैठक में देवगौड़ा भी शामिल हुए थे। इसी बैठक के बाद कुमारस्वामी ने बीजेपी से हाथ मिलने की बात कही है। हालांकि, लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी और जेडीएस के बीच गठजोड़ पर उन्होंने अभी कुछ नहीं कहा। कुमारस्वामी ने कहा कि अभी चुनाव में वक्त है।
कर्नाटक में मई में विधानसभा के चुनाव हुए थे। तब बीजेपी की सरकार थी। चुनाव में कांग्रेस ने 224 सदस्यों वाली विधानसभा में 135 सीटें हासिल की थीं। बीजेपी को 66 और जेडीएस को 19 सीटें मिली थीं। इस तरह विपक्ष की संख्या 85 विधायकों की है। जाहिर तौर पर इससे सिद्धारामैया सरकार को कोई दिक्कत नहीं होने वाली, लेकिन अगर पिछली बार की तरह कांग्रेस से बड़ी तादाद में विधायक टूट गए, तो कर्नाटक में सियासी संकट पैदा हो सकता है। हालांकि, अभी इस तरह के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में बीजेपी और जेडीएस सिर्फ सिद्धारामैया सरकार को घेर सकते हैं और आंदोलन कर सकते हैं।
सिद्धारामैया की सरकार ने शपथ लेने के तुरंत बाद 5 वादे लागू करने का फैसला किया था। इनमें से 3 वादे लागू किए गए हैं। इनमें गरीबों को 10 किलो मुफ्त अनाज, महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा और मुफ्त बिजली के वादे हैं। हालांकि, वादों को लागू करने में जो खर्च हो रहा है, उसकी भरपाई के लिए बिजली की दरें भी बढ़ा दी गई हैं। इसका कारोबारियों ने विरोध किया था और एक दिन बंद भी रखा था। हालांकि, बिजली की बढ़ी दरों को वापस नहीं लिया गया।