
मुंबई। शरद पवार की एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड हैं। जितेंद्र आव्हाड पहले भी कई बार विवादों में घिरे हैं। अब उन्होंने एक बार फिर बयान देते हुए विवादित बातें कही हैं। ताजा खबर के मुताबिक जितेंद्र आव्हाड ने एक कार्यक्रम में अजित पवार की एनसीपी को पॉकेटमारों की टोली कह दिया। साथ ही अजित पवार के लिए मर्द न होने की बात भी कही। जितेंद्र आव्हाड ने कार्यक्रम में कहा कि एनसीपी शरद पवार की पार्टी थी। अजित पवार ने धक्का देकर शरद पवार को बाहर कर दिया। जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अजित पवार ने जाते हुए शरद पवार के हाथ से घड़ी (एनसीपी का चुनाव चिन्ह) भी छीन ली। उन्होंने अजित पवार की एनसीपी के बारे में कहा कि ये पॉकेटमारों की टोली है।
Watch: Jitendra Awhad, NCP (SP) candidate from the Mumbra-Kalwa Assembly constituency, says, “The NCP belonged to Sharad Pawar. But one day, Ajit Pawar comes along, pushes Sharad Pawar out, and even takes the symbolic watch from his hand as he leaves. This is a gang of thieves.… pic.twitter.com/TqvUHudCE4
— IANS (@ians_india) November 3, 2024
जितेंद्र आव्हाड ने ये भी कहा कि अजित पवार मर्द की औलाद था, तो बोलता कि मैं कोई नया चुनाव चिन्ह ढूंढ लेता हूं और लड़ता हूं चुनाव, तो हम उसे मर्द कहते। शरद पवार के करीबी माने जाने वाले जितेंद्र आव्हाड ने अपने नेता का जिक्र करते हुए कहा कि जिस आदमी को पांचवें स्टेज का कैंसर हुआ, जिसकी हड्डी टूटी वो आज भी 18 घंटे काम कर रहा है। जितेंद्र आव्हाड ने शरद पवार की तारीफ के पुल बांधे और ये भी कहा कि वो न पीएम नरेंद्र मोदी और न ही गृहमंत्री अमित शाह के सामने झुके। जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि शरद पवार कह रहे हैं कि महाराष्ट्र में बदलाव लाकर दिखाएंगे। ये शरद पवार की जुबान है।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग है। 23 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। इस चुनाव में एक तरफ शरद पवार की एनसीपी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी और कांग्रेस समेत कुछ दलों की महाविकास अघाड़ी है। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी की महायुति है। महायुति अभी सत्तारूढ़ है। इसमें एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी मूल पार्टी से टूटकर बनी है। चुनाव आयोग ने मूल शिवसेना और एनसीपी के चुनाव निशान एकनाथ शिंदे और अजित पवार गुट को दे रखे हैं। जिसके खिलाफ उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी, लेकिन वहां से अब तक फैसला नहीं आया है।