बेंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य के सीएम सिद्धारामैया को बड़ा झटका दिया। मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी मुडा के कथित जमीन घोटाला मामले में कर्नाटक के गवर्नर ने सिद्धारामैया और उनके परिवार के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। सिद्धारामैया ने इसके खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि केस चलाने की मंजूरी देने के लिए कर्नाटक के गवर्नर उचित प्राधिकार रखते हैं। यानी अब मुडा के कथित जमीन घोटाला मामले में सिद्धारामैया पर दबाव बढ़ गया है। वहीं, कर्नाटक के मंत्री रामलिंगा रेड्डी का कहना है कि सिद्धारामैया पाक-साफ हैं। रामलिंगा रेड्डी के मुताबिक ऐसा सीएम देखने को नहीं मिलता। उन्होंने बीजेपी पर भी निशाना साधा और कहा कि उसे सिद्धारामैया का इस्तीफा मांगने का कोई हक नहीं है। रामलिंगा रेड्डी के मुताबिक सिद्धारामैया के पास हाईकोर्ट के दो जजों की बेंच, फुल बेंच और सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है।
#WATCH | Bengaluru: Karnataka HC dismisses petition by CM Siddaramaiah challenging Governor’s sanction for his prosecution in alleged MUDA scam.
Karnataka Minister Ramalinga Reddy says, “He is a ‘clean hand’ Chief Minister. We don’t find a Chief Minister like this. He is a 100%… pic.twitter.com/SVUDGc24Sg
— ANI (@ANI) September 24, 2024
कर्नाटक के गवर्नर थावरचंद गहलोत ने टीजे अब्राहम और अन्य की शिकायत के बाद मुडा जमीन घोटाला के आरोपों की जांच के लिए सिद्धारामैया और उनके परिवार के लोगों पर केस चलाने की मंजूरी दी थी। इससे पहले गवर्नर ने मुडा घोटाला मामले में केस चलाने बाबत कैबिनेट की राय मांगी थी। इस पर सिद्धारामैया कैबिनेट ने मामले को सरकार को अस्थिर करने की कोशिश बताते हुए गवर्नर को कारण बताओ नोटिस वापस लेने की सलाह भी दी थी। इस मामले में टीजे अब्राहम समेत कई लोगों ने सिद्धारामैया और उनके परिवार के लोगों पर केस चलाने की कर्नाटक के गवर्नर से मंजूरी मांगी थी। सिद्धारामैया और परिवार के लोगों व मुडा पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी खजाने को 45 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया।
सिद्धारामैया, उनकी पत्नी पार्वती, बेटे और मुडा आयुक्त पर आरोप है। आरोप लगा है कि सीएम सिद्धारामैया की पत्नी की 3 एकड़ 16 गुंटा जमीन मुडा ने अधिग्रहित की। सीएम की पत्नी पार्वती को भी फायदा पहुंचाया गया। मैसुरु के बाहर केसारे में पार्वती सिद्धारामैया की ये जमीन थी। जिसे उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में बतौर गिफ्ट दिया था। मुडा पर आरोप है कि पार्वती की जमीन के एवज में विजयनगर के महंगे 3 और 4 फेज में 14 साइट दे दीं। मुडा ने शहरी विकास में जमीन गंवाने वालों के लिए स्कीम शुरू की। इस स्कीम के तहत ऐसे लोगों को विकसित जमीन का 50 फीसदी दिया जाना था। इस योजना को 2009 में लागू किया गया और 2020 में कर्नाटक की तब की बीजेपी सरकार ने स्कीम बंद कर दी। आरोप है कि योजना बंद होने के बाद भी मुडा ने जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन किया।