
देहरादून/जोशीमठ। उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन दरकने और मकानों-सड़कों पर चौड़ी और गहरी दरारें पड़ने से हड़कंप मचा हुआ है। अब तक करीब 90 परिवारों को सुरक्षित जगह शिफ्ट किया जा चुका है। जोशीमठ में 603 मकानों में दरारें पड़ी हैं। इनमें से कई मकान अब गिरे कि तब गिरे वाली हालत में हैं। ऐसे में उत्तराखंड और केंद्र सरकार बदरीनाथ धाम से महज 50 किलोमीटर दूर इस धार्मिक शहर को बचाने के लिए जी-जान से कोशिश कर रही हैं। इसी कोशिश के तहत अब जोशीमठ शहर को तीन हिस्सों में बांटने की तैयारी तेज है। अगले हफ्ते इस मेगा प्लान पर काम किया जाएगा।
उत्तराखंड सरकार की एक विशेषज्ञ कमेटी ने जोशीमठ में बड़ी दरारों वाले मकानों को गिराने का सुझाव दिया है। मकान गिराने के साथ ही उसका मलबा भी तुरंत साफ करना होगा। वरना इस मलबे के वजन से भूस्खलन तेज होने और शहर के तमाम और हिस्सों पर असर पड़ने की आशंका है। इसके साथ ही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में जोशीमठ को असुरक्षित, बफर और सुरक्षित जोन में बांटने का सुझाव भी दिया है। असुरक्षित जोन वो होगा, जहां मकान सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त हैं। यहां अब लोग नहीं रह सकेंगे। इसके अलावा बफर जोन में वो मकान होंगे, जिनमें दरारें तो हैं, लेकिन इनका आकार नहीं बढ़ रहा है। इसके अलावा सुरक्षित जोन में वो मकान रखे जाएंगे, जहां हल्की दरारें हैं या बिल्कुल भी दरारें नहीं हैं।
जोशीमठ में सभी 9 वार्डों में लोग दरारों से परेशान हैं। उनके दिन का चैन और रात की नींद उड़ी हुई है। भीषण ठंड में लोग जान बचाने के लिए घरों से बाहर अलाव जलाकर किसी तरह वक्त बिता रहे हैं। जोशीमठ के सिंहधार, गांधीनगर, सुनील वार्ड और मनोहर बाग को प्रसासन ने पहले ही असुरक्षित घोषित किया है। दो दिन पहले सिंहधार में एक मंदिर दरारों की वजह से ढह गया। इन इलाकों में सभी मकानों में बड़ी दरारें हैं। सड़कों पर भी गहरी और चौड़ी दरारें आ गई हैं।