नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार की धुर विरोधी पत्रकार राणा अयूब को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राणा अयूब की अर्जी खारिज कर दी है। ऐसे में राणा अयूब पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। राणा अयूब ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गाजियाबाद की विशेष अदालत के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। विशेष अदालत ने राणा अयूब को पेश होने का आदेश दिया था। ईडी की तरफ से चार्जशीट दाखिल करने के बाद ये आदेश दिया गया था। पहले इस मामले की सुनवाई 27 जनवरी को होनी थी। बाद में 31 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी। जिसका फैसला आज सुनाया गया है।
BREAKING: Big setback to journalist Rana Ayyub as Supreme Court dismissed her plea challenging the summons issued to her by a special PMLA court in Ghaziabad in a money laundering case lodged against her by the Enforcement Directorate. @RanaAyyub pic.twitter.com/v9mthIV2f1
— Law Today (@LawTodayLive) February 7, 2023
राणा अयूब की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट वृंदा ग्रोवर पेश हुईं। उन्होंने कोर्ट में कहा था कि उनकी मुवक्किल राणा अयूब को गाजियाबाद की विशेष अदालत ने 27 दिसंबर 2022 को पेश होने के लिए कहा। इसी पर रोक लगाने की मांग उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से की थी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए जाने तक राणा अयूब की पेशी पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब अर्जी खारिज करने पर राणा अयूब को गाजियाबाद की विशेष अदालत में पेश होना होगा। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राणा अयूब को कोर्ट ने पहले जमानत दी थी, लेकिन चार्जशीट में ईडी ने उनके खिलाफ सबूत कोर्ट को दिए हैं। ऐसे में राणा अयूब को गिरफ्तार करने का आदेश भी विशेष अदालत दे सकती है।
ED investigation has established that Rana Ayyub had launched the fund raising campaigns with the sole intention to cheat the general public and acquired proceeds of crime in form of fixed deposits and balances in bank accounts projecting them as untainted, says the agency.
— ANI (@ANI) October 13, 2022
ईडी के मुताबिक, पत्रकार राणा अयूब ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘Ketto’ के जरिए अवैध रूप से धन एकत्रित किया था। राणा पर आरोप है कि उन्होंने कोरोना काल में गरीबों की मदद के नाम पर धन तो एकत्रित कर लिया था, लेकिन उस धन का उचित उपयोग नहीं किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने एकत्रित किए गए धन का अनुचित उपयोग किया था। रकम से अपने पिता, परिवार के लोगों और खुद के नाम एफडी बनवा ली थी। जिसे संज्ञान में लेने के बाद एजेंसी ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर किया था। ईडी ने जांच में पाया है कि राणा अयूब ने गरीबों के नाम पर धन एकत्रित कर लिया था, लेकिन धन का गरीबों के हित में उपयोग ना करके अपने निजी हित में उपयोग किया। राणा अयूब ने बीते दिनों इस मामले में कहा था कि यह सब मुझे सिर्फ फंसाने की साजिश के तहत किया जा रहा है।