नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में इसी साल विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में सभी सियासी दलों की निगाह इस चुनाव पर टिकी हुई है। एक तरफ प्रदेश की सत्ता संभाल रहीं ममता बनर्जी की टीएमसी है तो दूसरी तरफ भाजपा तीसरी तरफ एक और खेमा है वह है कांग्रेस और लेफ्ट का जो एक साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने की जुगत में है। वहीं असदुद्दीन औवेसी की पार्टी AIMIM भी पश्चिम बंगाल में एपनी राजनीतिक जमीन की तलाश में चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है। लेकिन इस सब के बीच अभी पश्चिम बंगाल की राजनीतिक हवा का रूख इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि यहां सीधी टक्कर भाजपा और टीएमसी के बीच ही होनी है। ऐसे में भाजपा ने अपने फायरब्रांड नेताओं को पश्चिम बंगाल में सक्रिय कर दिया है। इसी का नतीजा है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी की नैया छोड़कर आए दिन कोई ना कोई नेता अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो रहा है।
लेकिन अब पश्चिम बंगाल में लंबे समय से डटे भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय ने जो दावा किया है उसके बाद से टीएमसी के खेमे में खलबली मच गई है। कैलाश विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी हैं ऐसे में उनके दिए गए बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं और इसी वजह से ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के नेता चिंतामग्न हो गए हैं।
मेरे पास 41 विधायकों की सूची हैं, वे बीजेपी में आना चाहते हैं। मैं उन्हें बीजेपी में शामिल करूं तो बंगाल में सरकार गिर जाएगी। हम देख रहे हैं कि किसे लेना है और किसे नहीं। अगर छवि खराब है किसी की तो हम नहीं लेंगे। सबको लग रहा है ममता बनर्जी की सरकार जा रही है: कैलाश विजयवर्गीय,BJP pic.twitter.com/f6Tj833mxZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 14, 2021
कैलाश विजयवर्गीय ने आज दावा किया कि मेरे पास 41 विधायकों की सूची हैं, वे बीजेपी में आना चाहते हैं। मैं उन्हें बीजेपी में शामिल करूं तो बंगाल में सरकार गिर जाएगी। हम देख रहे हैं कि किसे लेना है और किसे नहीं। अगर छवि खराब है किसी की तो हम नहीं लेंगे। सबको लग रहा है ममता बनर्जी की सरकार जा रही है। हालांकि कैलाश विजयवर्गीय ने यह बयान मध्य प्रदेश के इंदौर में मकर संक्रांति के मौके पर पार्टी के कार्यकर्ताओं के समझ दिया। लेकिन इसकी गूंज पश्चिम बंगाल तक सुनाई दी।
आपको बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय ने यह दावा तब किया है जब इससे ठीक पहले पश्चिम बंगाल के खाद्य और आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक ने यह कहकर बवाल मचा दिया था कि भाजपा के 6 से 7 सांसद जल्द ही टीएमसी में शामिल होनेवाले हैं। लेकिन उन्होंने कहा था कि इसका फैसला ममता दीदी को लेना है। उन्होंने अगर मंजूरी दी तो भाजपा को प्रदेश में बड़ा झटका लगेगा।
वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा के विवादित बयान पर भी टिप्पणी की और कहा कि ”सज्जन वर्मा में संस्कारों की कमी है। माता-पिता ने उन्हें संस्कार नहीं दिए हैं, इसलिए वह कृपा के पात्र हैं। उनको माता-पिता ही ऐसे मिले हैं, तो कोई क्या कर सकता है। अच्छे मां-बाप के बच्चे अच्छे होते हैं।” आपको बता दें कि सज्जन सिंह वर्मा ने जो बयान दिया था उसके बाद उनके खिलाफ नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) ने नोटिस भेजा है।