
नई दिल्ली। बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर में जुमे की नमाज के बाद दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आई थी। अहम बात यह थी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर में एक कार्यक्रम में मौजूद थे उसी वक्त ये हिंसक झड़प हुई थी। हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को किसी तरह से शांत करवाया। वहीं कानपुर हिंसा में अब हर रोज नए खुलासे हो रहे है। मामले के तार अब देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI से सीधे तौर पर जुड़ते दिखाई हैं। इसी बीच कानपुर हिंसा पर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, पीएफआई कनेक्शन की जांच अब एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड यानी ATS करेगी।
बता दें कि इससे पहले कानपुर हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी और उसके सहयोगी को पुलिस ने रविवार को कोर्ट के सामने हाजिर किया। जहां कोर्ट हाशमी समेत 4 आरोपियों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मामले में अब तक 29 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इससे पहले पुलिस ने इससे जुड़े दस्तावेज दंगे के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी से बरामद किए हैं।
सूत्रों के मुताबिक जिन संस्थाओं के दस्तावेज मिले हैं, उन्हें पीएफआई फंड देता रहा है। ऐसे में लग रहा है कि हाशमी पीएफआई और इन संगठनों से जुड़ा है। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में हाशमी ने दंगे भड़काने में 5 और लोगों के नाम लिए हैं। इनमें से कई नामचीन हैं। पुलिस ऐसे में बेहद गंभीरता से जांच कर रही है और सबूतों को इकट्ठा करने का काम जारी है।