
बेंगलुरु। राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। सैम पित्रोदा अपने बयानों की वजह से कांग्रेस को कई बार मुश्किल में डालते रहे हैं। अब राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा खुद मुसीबत में घिरे हैं। कर्नाटक के बीजेपी नेता एनआर रमेश ने सैम पित्रोदा के खिलाफ ईडी और लोकायुक्त में शिकायत की है। बीजेपी नेता का आरोप है कि सैम पित्रोदा ने बेंगलुरु के येलाहांका इलाके में वन विभाग की 12.35 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। जिसकी कीमत करीब 150 करोड़ है। बीजेपी नेता रमेश के मुताबिक कर्नाटक वन विभाग की इस जमीन पर साल 1991 से सैम पित्रोदा का कब्जा है।
‘Land Loot’ Charge Against Sam Pitroda
A BJP leader has filed a complaint with the Lokayukta and ED, alleging that Congress’ Sam Pitroda illegally occupied land worth 150 crore rupees in Karnataka, which belongs to the state’s forest department.@dpkBopanna shares more details… pic.twitter.com/DWLArzEm5h
— TIMES NOW (@TimesNow) February 24, 2025
बीजेपी नेता ने कर्नाटक लोकायुक्त और ईडी को दी शिकायत में कहा है कि सैम पित्रोदा ने वन विभाग की जमीन को औषधि की रिसर्च के लिए लीज पर लिया था, लेकिन 2011 में लीज दोबारा हासिल नहीं की। साथ ही सैम पित्रोदा पर उन्होंने इस जमीन से लाभ कमाने का भी आरोप लगाया है। शिकायत में कहा गया है कि पित्रोदा ने वन विभाग की जमीन का लीज खत्म होने के बाद भी दवा बनाने के काम में इसका इस्तेमाल जारी रखा। जिससे हर साल 5 से 6 करोड़ रुपए भी कमाए। कर्नाटक के बीजेपी नेता ने शिकायत में पित्रोदा के अलावा कर्नाटक वन विभाग के पूर्व और मौजूदा 5 अन्य अफसरों जावेद अख्तर, आरके सिंह, संजय मोहन, एन, रवींद्रन कुमार और एसएस रविशंकर के भी नाम आरोपी के तौर पर लिए हैं।
शिकायत में कहा गया है कि सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा यानी सैम पित्रोदा ने साल 1991 में मुंबई में फाउंडेशन फॉर रिवाइटेलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन यानी एफआरएलटीएच नाम की संस्थआ बनाई। इसी संस्था के नाम पर येलाहांका में जराकाबंदे कवाल में वन विभाग की जमीन ली। पित्रोदा ने कर्नाटक वन विभाग से कहा था कि वो यहां जड़ी-बूटियों वाले पौधों की संरक्षा और रिसर्च करेंगे। कर्नाटक वन विभाग ने सैम पित्रोदा को 5 साल की लीज पर जमीन दी थी। इस लीज को कर्नाटक वन विभाग के साथ ही केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय ने भी मंजूरी दी। साल 2001 में लीज को फिर 10 साल के लिए बढ़ाया गया और ये दिसंबर 2011 में खत्म हो गई। ऐसे में सैम पित्रोदा के कब्जे में अवैध तरीके से जमीन होने की बात शिकायत में कही गई है। साथ ही यहां कॉमर्शियल काम का भी आरोप लगाया गया है। बीजेपी नेता ने कहा है कि लीज खत्म होने के बाद कर्नाटक सरकार ने जमीन वापस लेने की कोशिश की, लेकिन सैम पित्रोदा ने राजनीतिक रसूख के कारण कार्रवाई नहीं होने दी।