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Karnataka Govt Water Cess Proposal: कर्नाटक की जनता के सिर फूटने वाला है पानी के बिल में बढ़ोतरी का बम!, वन मंत्री ने 2 से 3 रुपए सेस लगाने का प्रस्ताव पेश करने का दिया निर्देश

Karnataka Govt Water Cess Proposal: कर्नाटक की जनता के सिर जल्दी ही पानी के बिल में ज्यादा रकम चुकाने का बम फूटने के आसार हैं। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के वन और पर्यावरण मंत्री ईश्वर बी. खंडारे ने वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वो शहरों और कस्बों में पानी के बिल में 2 से 3 रुपए की बढ़ोतरी का प्रस्ताव 7 दिन में पेश करें।

बेंगलुरु। कर्नाटक की जनता के सिर जल्दी ही पानी के बिल में ज्यादा रकम चुकाने का बम फूटने के आसार हैं। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के वन और पर्यावरण मंत्री ईश्वर बी. खंडारे ने वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वो शहरों और कस्बों में पानी के बिल में 2 से 3 रुपए की बढ़ोतरी का प्रस्ताव 7 दिन में पेश करें। इसे ग्रीन सेस बताया जा रहा है। कर्नाटक के वन मंत्री के मुताबिक पानी के बिल पर अतिरिक्त पैसा लेकर पश्चिमी घाट के संरक्षण और विकास के लिए फंड बनाया जाएगा। पश्चिमी घाट से ही तुंगभद्रा, कावेरी, काबिनी, हेमावती, कृष्णा, मालप्रभा, घाटप्रभा और अन्य नदियां भी निकलती हैं।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के वन मंत्री ईश्वर बी. खंडारे की पानी पर 2 से 3 रुपए सेस लगाने के प्रस्ताव संबंधी ये चिट्ठी राज्य में सियासत को गर्मा सकती है। इसकी वजह ये है कि कर्नाटक सरकार पर आरोप लगता रहा है कि मुफ्त की योजनाएं देने के लिए उसके खजाने पर काफी बोझ है। हालांकि, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने इससे बीते दिनों इनकार किया था। डीके शिवकुमार ने ये भी कहा था कि हर हाल में विकास का काम भी जारी रहेगा और मुफ्त की योजनाओं का फायदा भी कर्नाटक की जनता को मिलता रहेगा। डीके शिवकुमार का ये बयान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस वीडियो के सामने आने पर आया था, जिसमें खरगे कहते सुनाई दिए थे कि बजट को देखकर ही मुफ्त की योजनाओं का एलान करना चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान का वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी ने एक बार फिर कर्नाटक की सरकार पर आरोप लगाया था कि मुफ्त की योजनाओं को लागू करने में राज्य की माली हालत खराब है। अब पानी के बिल में अगर बढ़ोतरी होती है, तो बीजेपी को इस मुद्दे पर फिर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को घेरने का मौका मिलना तय है।