
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने से इनकार कर दिया है। केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे। यह फैसला ट्रायल कोर्ट के पहले के फैसले को पलट देता है, जिसमें केजरीवाल को जमानत दी गई थी। इससे पहले 20 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दे दी थी। हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 जून को तुरंत हाई कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील की, जिसके कारण जमानत आदेश पर रोक लगा दी गई।
हाई कोर्ट का फैसला
जस्टिस सुधीर कुमार जैन की अगुवाई वाली बेंच ने ईडी की याचिका को स्वीकार कर लिया और ट्रायल कोर्ट के जमानत आदेश पर रोक लगा दी। हाई कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल के खिलाफ ईडी द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों का सही तरीके से मूल्यांकन नहीं किया है। परिणामस्वरूप, केजरीवाल की जमानत पर रोक बरकरार रहेगी।
#BREAKING Delhi High Court stays bail granted to Chief Minister Arvind Kejriwal in the excise policy case. #ArvindKejriwal #ED pic.twitter.com/HIfOYLV3q0
— Live Law (@LiveLawIndia) June 25, 2024
AAP की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी (आप) ने उच्च न्यायालय के फैसले से असहमति जताई है। आप ने घोषणा की है कि वह उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने की योजना बना रही है, जिसमें तर्क दिया गया है कि जमानत आदेश पर इस तरह की रोक नहीं लगाई जानी चाहिए थी। उच्च न्यायालय के फैसले के बाद, सर्वोच्च न्यायालय 26 जून को मामले की सुनवाई करने वाला है। यह आगामी सुनवाई इस कानूनी लड़ाई में केजरीवाल के तत्काल भविष्य को निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण होगी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए निचली अदालत के जमानत आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया है कि ईडी के साक्ष्य का पर्याप्त मूल्यांकन नहीं किया गया था।