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Apathy Of Delhi: विज्ञापन पर सैकड़ों करोड़ खर्च करने वाली केजरीवाल सरकार ने प्रगति मैदान टनल के लिए नहीं दी 20 फीसदी रकम, पीयूष गोयल बोले…
पहले एक न्यूज वेबसाइट ने आरटीआई के जरिए पता किया था कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोना काल में ही विज्ञापन देने पर करोड़ों का खर्च किया है। आरटीआई से पता चला था कि मार्च 2020 से जुलाई 2021 तक दिल्ली सरकार के विज्ञापन और प्रचार पर कुल 490 करोड़ रुपए केजरीवाल सरकार ने खर्च किए थे।

नई दिल्ली। यूं तो दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार हर महीने विज्ञापन पर करोड़ों खर्च करती है, लेकिन जब दिल्ली के विकास की बात आती है, तो पैसे खर्च करने में उसे दिक्कत होने लगती है। दिल्ली में कल पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रगति मैदान में यातायात को सुगम बनाने के लिए टनल का उद्घाटन किया था। अब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आरोप लगाया है कि इसके लिए 20 प्रतिशत रकम केजरीवाल सरकार को देना था, लेकिन उसने नहीं दिया और पूरा खर्च केंद्र सरकार को करना पड़ा। इस आरोप के बाद अब बीजेपी और आम आदमी पार्टी AAP के बीच जुबानी जंग छिड़ने के आसार दिख रहे हैं।
मोदी जी ने 80% पैसा देने की स्वीकृति दी और स्वयं उसे प्रमोट किया, राज्य सरकार को मात्र 20% पैसा देने की जरुरत थी, लेकिन राज्य सरकार ने पैसा देने से पूरी तरह इनकार कर दिया।
जब राज्य सरकार ने जरा भी चिंता नहीं दिखाई तो मोदी जी ने कहा कि शत-प्रतिशत पैसा केंद्र सरकार देगी। pic.twitter.com/yGjZm3FJOp
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) June 19, 2022
पीयूष गोयल ने कहा कि दिल्ली में आधारभूत सुविधाएं देने पर केजरीवाल सरकार ने कोई काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने दिल्ली के लोगों को राहत देने का काम किया है। गोयल ने कहा कि प्रगति मैदान इलाके में जाम की वजह से हर साल हजारों लीटर ईंधन खर्च होता था। अब टनल बन जाने से हर साल 100 करोड़ रुपए का ईंधन दिल्ली के लोग बचा सकेंगे। इससे प्रदूषण को रोकने में भी मदद मिलेगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कल टनल के उद्घाटन के मौके पर ये बात कही थी।
इससे पहले एक न्यूज वेबसाइट ने आरटीआई के जरिए पता किया था कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोना काल में ही विज्ञापन देने पर करोड़ों का खर्च किया है। आरटीआई से पता चला था कि मार्च 2020 से जुलाई 2021 तक दिल्ली सरकार के विज्ञापन और प्रचार पर कुल 490 करोड़ रुपए केजरीवाल सरकार ने खर्च किए थे। मार्च 2020 में ही हर दिन करीब 3 करोड़ रुपए के विज्ञापन दिए गए। साल 2012-13 में दिल्ली सरकार ने विज्ञापन पर 11.18 करोड़ खर्च किए थे। फिर 2013-14 में ये बढ़कर 25.24 करोड़ हो गए। 2014-15 में विज्ञापन पर 11.12 करोड़, 2015-16 में 81.23 करोड़, 2016-17 में 67.25 करोड़, 2017-18 में 117.76 करोड़, 2018-19 में 45 करोड़ और 2019-20 में 200 करोड़ रुपए दिल्ली सरकार ने विज्ञापन पर खर्च किए।