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Arvind Kejriwal : केजरीवाल बने रहेंगे मुख्यमंत्री, पद से हटाने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट से खारिज, जज ने कहा, ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला

Arvind Kejriwal : न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हम समझते हैं कि कुछ व्यावहारिक कठिनाइयां हो सकती हैं। कोई भी आदेश क्यों पारित किया जाना चाहिए? हमें राष्ट्रपति या एलजी को कोई मार्गदर्शन नहीं देना है।

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा की ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है, कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे। इसकी रिपोर्ट वह राष्ट्रपति को भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हम समझते हैं कि कुछ व्यावहारिक कठिनाइयां हो सकती हैं। कोई भी आदेश क्यों पारित किया जाना चाहिए? हमें राष्ट्रपति या एलजी को कोई मार्गदर्शन नहीं देना है। कार्यकारी शाखा राष्ट्रपति शासन लागू करती है और उनका मार्गदर्शन करना अदालत का काम नहीं है। पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि अदालत इस मामले में कैसे हस्तक्षेप कर सकती हैं? पीठ ने कहा कि अदालत को यकीन है कि कार्यकारी शाखा इस सबकी जांच कर रही है। इसमें कुछ समय लग सकता है, लेकिन वे इस पर निर्णय लेंगे।

याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव ने तर्क दिया है कि वित्तीय घोटाले में फंसे मुख्यमंत्री जो 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में हैं, उन्‍हें पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका कारावास में होना न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में बाधा डालता है, बल्कि राज्य की संवैधानिक मशीनरी को भी कमजोर करता है। याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद 163 और 164 का हवाला देते हुए दावा किया है कि एक कैदी केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करने में अक्षम बनाती है। याचिका में जेल में बंद मुख्यमंत्री द्वारा जेल से सरकारी कामकाज संचालित करने की व्यावहारिकता के बारे में भी कहा गया है। इसमें सुझाव दिया गया है कि केजरीवाल तक पहुंचने वाली सभी सामग्रियों पर जेल अधिकारियों द्वारा लगाई गई जांच मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें दी गई गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन करेगी।