लखनऊ। बीएसपी को लोकसभा चुनाव में कोई सफलता नहीं मिल सकी। बीएसपी का एक भी प्रत्याशी सांसद बनकर लोकसभा नहीं पहुंचा। हालांकि, आंकड़ों से पता चला कि यूपी की 16 लोकसभा सीटें ऐसी रहीं, जहां बीएसपी के काफी वोट जुटा लेने से विपक्षी दलों को बीजेपी से पराजय का सामना करना पड़ा। लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीएसपी का बंटाढार होने के बाद अब पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने एक्शन लेना शुरू किया है। एबीपी न्यूज के मुताबिक मायावती ने बीएसपी के कामकाज के तौर-तरीके में बड़ा फेरबदल कर दिया है।
मायावती ने लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बीएसपी के 3 बड़े नेताओं से पार्टी की पराजय पर चर्चा की थी। इसके बाद ही मायावती ने बीएसपी के संगठन में बदलाव के कदम उठाने शुरू किए हैं। न्यूज चैनल के मुताबिक मायावती ने अब 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू की है। यूपी विधानसभा चुनाव में जीत के लिए मायावती ने सूबे में बीएसपी को 4 सेक्टर में बांटा है। जानकारी के मुताबिक बीएसपी के सेक्टर एक में मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद और बरेली को रखा गया है। मायावती ने इस सेक्टर में वरिष्ठ नेता मुनकाद अली और 3 अन्य को जिम्मेदारी दी है।
चैनल ने बताया है कि पश्चिमी यूपी में बीएसपी ने प्रभारी पद भी खत्म कर दिया है। इस पद पर रहे शमसुद्दीन राईन को लखनऊ बुलाकर अवध और बुंदेलखंड सेक्टर में बीएसपी को आगे बढ़ाने का जिम्मा दिया गया है। प्रयागराज और प्रतापगढ़ के जिलाध्यक्षों को भई मायावती ने हटाया है। मायावती ने एक हफ्ते में बीएसपी के जिला अध्यक्षों और कोऑर्डिनेटरों से रिपोर्ट भी मांगी है। मायावती पहले ही पूर्व मुख्य मंडल प्रभारी अशोक कुमार गौतम और कौशांबी से बीएसपी उम्मीदवार रहे शुभ नारायण गौतम को पार्टी से निकाल चुकी हैं। अपने भतीजे आकाश आनंद से भी उन्होंने चुनाव के दौरान ही जिम्मेदारी वापस ले ली थी। वहीं, चुनाव के बाद मायावती ने बयान जारी कर साफ कर दिया था कि आगे से मुस्लिम उम्मीदवार उतारने के पहले बीएसपी गंभीरता से विचार करेगी।