
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 साल बाद चुनाव हो रहे हैं। 19 अक्टूबर को नतीजा आएगा। मैदान में 80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे के तौर पर पुरातनपंथी और नेहरू-गांधी खानदान के करीबी नेता हैं। उनके मुकाबले नई सोच वाले शशि थरूर हैं। कांग्रेस का इतिहास 137 साल का है। कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। इस पार्टी में दिग्गज नेता रहे हैं और अब भी हैं, लेकिन 1980 के दशक के बाद से पार्टी सबसे खराब दौर से गुजर रही है। एक नजर इस पर भी डाल लेते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अब तक कितनी बार चुनाव हुए और नेहरू-गांधी खानदान में से कब किस वक्त इस पार्टी का अध्यक्ष रहा।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए छठी बार चुनाव हो रहा है। इससे पहले 1939, 1950, 1977, 1997 और साल 2000 में चुनाव कराए गए थे। 1939 में पट्टाभि सीतारमैया को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हराकर कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला था। बाद में महात्मा गांधी ने सीतारमैया की हार को अपनी निजी हार बताया। जिसके बाद सुभाष ने इस्तीफा दिया। साल 1950 में पुरुषोत्तम दास टंडन ने आचार्य कृपलानी को हराया। जबकि, कृपलानी पीएम जवाहरलाल नेहरू की पसंद थे। 1977 में के. ब्रह्मानंद रेड्डी ने मैदान में उतरे सिद्धार्थ शंकर रे और कर्ण सिंह को पराजित कर कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी संभाली थी। 1997 में सीताराम केसरी ने शरद पवार और राजेश पायलट को हराया था। वहीं, साल 2000 में सोनिया गांधी और कद्दावर नेता जीतेंद्र प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ था। जिसमें सोनिया ने एकतरफा जीत हासिल की थी।
बात नेहरू-गांधी खानदान की करें, तो अब तक इस परिवार से 5 लोग कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहे हैं। साल 1951 और 1955 में जवाहरलाल नेहरू ने कांग्रेस की कमान संभाली। उनकी बेटी इंदिरा गांधी 1959, 1978 से 1984 तक अध्यक्ष रहीं। 1985 से 1991 तक राजीव गांधी कांग्रेस के प्रमुख रहे। 1998 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला। 2017 में राहुल गांधी अध्यक्ष बने और फिर सोनिया 2019 से कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष हैं।