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Bihar Politics And Nitish Kumar: नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के दरवाजे बंद होने का एलान अमित शाह ने खुद किया था, जानिए आखिर किसने खुलवाया!

Bihar Politics And Nitish Kumar: नीतीश कुमार का अगला कदम क्या होने वाला है, इसकी थाह आज तक कोई भी दल ले नहीं सका। वो लालू यादव के साथ भी रहे और बीजेपी के साथ भी। चाहे जिसके साथ भी नीतीश कुमार रहे हों, लेकिन बिहार का सीएम पद वो अपने पास ही रखते रहे।

पटना। नीतीश कुमार ने फिर सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और अब 9वीं बार बिहार का सीएम पद वो संभालने जा रहे हैं। 2022 के अगस्त महीने में नीतीश कुमार ने जेडीयू विधायकों में तोड़फोड़ का आरोप लगाकर बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था। अब उसी बीजेपी के साथ वो फिर बिहार में सरकार चलाने वाले हैं। नीतीश को दोबारा बीजेपी ने फिर साथ में लिया है, जबकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार में एक मंच से सार्वजनिक तौर पर ये एलान किया था कि नीतीश के लिए बीजेपी ने सभी दरवाजे बंद कर लिए हैं। तो फिर नीतीश की फिर से बीजेपी से कैसे पटरी बैठी? ये सवाल सभी पूछ रहे हैं। अंदरखाने से जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक नीतीश की पार्टी के ही दो नेताओं ने बीजेपी के साथ उनकी दोस्ती फिर शुरू कराने में अहम भूमिका निभाई।

amit shah and nitish kumar

 

जानकारी के मुताबिक बीजेपी के साथ नीतीश कुमार को फिर लाने में बिहार के मंत्री संजय झा औऱ अशोक चौधरी की भूमिका रही है। संजय झा तो बीजेपी से ही नीतीश की जेडीयू में आए थे। बताया जा रहा है कि संजय झा ने ही बीजेपी नेतृत्व से संबंध साधकर नीतीश को फिर साथ लेने का माहौल बनाया। मीडिया की खबरों के मुताबिक संजय झा ही फिर सरकार बनाने का प्रस्ताव लेकर बीजेपी के दफ्तर भी आए थे। वहीं, अशोक चौधरी ने लगातार नीतीश कुमार को मनाया कि वो फिर बीजेपी के साथ जाएं और एनडीए का हिस्सा बनें। अब एक बार फिर नीतीश कुमार विपक्ष की जगह बीजेपी के साथ हैं। हालांकि, चर्चा अब इसकी हो रही है कि नीतीश कुमार कितने दिन तक इस गठबंधन का हिस्सा रहते हैं!

नीतीश कुमार का अगला कदम क्या होने वाला है, इसकी थाह आज तक कोई भी दल ले नहीं सका। वो लालू यादव के साथ भी रहे और बीजेपी के साथ भी। चाहे जिसके साथ भी नीतीश कुमार रहे हों, लेकिन बिहार का सीएम पद वो अपने पास ही रखते रहे। कभी इधर तो कभी उधर गलबहियां कर नीतीश कुमार 8 बार बिहार के सीएम बनने में सफल रहे। बीच में केंद्र की राजनीति में गए, तो रेल मंत्री का अहम ओहदा भी संभाला। हालांकि, नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार विधानसभा या लोकसभा का चुनाव नहीं लड़े हैं। वो अभी बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं।