नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल की शुगर की बीमारी और इंसुलिन न दिए जाने का मुद्दा गर्माया हुआ है। आम आदमी पार्टी लगातार आरोप लगा रही है कि ऐसा करके अरविंद केजरीवाल की जान को खतरा पैदा किया जा रहा है। अब न्यूज चैनल आजतक ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि अरविंद केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एम्स के एक डायबेटोलॉजिस्ट को दिखाया गया। एम्स के डॉक्टर ने अरविंद केजरीवाल के मेडिकल रिकॉर्ड और ग्लूकोज मॉनिटरिंग के रिकॉर्ड देखे, उनके खानपान और दवाइयों के बारे में जानकारी ली और इन दवाओं को जारी रखने की सलाह दी।
तिहाड़ जेल प्रशासन सूत्रों के मुताबिक जब एम्स के डायबेटोलॉजिस्ट से अरविंद केजरीवाल की बात कराई जा रही थी, उस वक्त तिहाड़ जेल के मेडिकल ऑफिसर और आरएमओ भी मौजूद थे। जेल सूत्रों के हवाले से न्यूज चैनल ने खबर दी है कि एम्स के डायबेटोलॉजिस्ट से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अरविंद केजरीवाल ने इंसुलिन का मुद्दा उठाया ही नहीं और डॉक्टर ने भी इंसुलिन इस्तेमाल करने का कोई सुझाव नहीं दिया। एम्स के डायबेटोलॉजिस्ट ने अरविंद केजरीवाल को जरूर ये कहा कि कोई गंभीर चिंता की बात नहीं है। तिहाड़ जेल सूत्रों ने न्यूज चैनल को बताया कि अरविंद केजरीवाल की स्वास्थ्य की निगरानी लगातार की जा रही है।
उधर, आम आदमी पार्टी ने अब ये आरोप लगा दिया है कि 20 दिन तक अरविंद केजरीवाल को डायबेटोलॉजिस्ट को नहीं दिखाया गया। आम आदमी पार्टी का कहना है कि जानबूझकर अरविंद केजरीवाल की जान खतरे में डाली जा रही है। पार्टी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवेल 300 है, लेकिन उनको इंसुलिन नहीं दी जा रही। वहीं, पहले तिहाड़ जेल से ये जानकारी दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर को दी गई थी कि अरविंद केजरीवाल ने जेल आने से काफी पहले से ही इंसुलिन छोड़ रखी है। अब यही इंसुलिन का मसला दिल्ली की सियासत को गर्म किए हुआ है।