![India-China Border Dispute: ‘5 अंगुली’ के सिद्धांत पर चल रहा चीन, भारत के अलावा इन देशों पर भी कब्जा करने की फिराक में](https://hindi.newsroompost.com/wp-content/uploads/2022/12/5-finger-policy-of-china-1000x600.jpg)
नई दिल्ली। विस्तारवादी नीति को लेकर चल रहे चीन को पहले पूर्वी लद्दाख और फिर तवांग में भारतीय सेना के वीर जवानों ने सख्त सबक सिखाया। दोनों जगह चीन के जवानों को बड़ी तादाद के बाद भी शिकस्त खानी पड़ी। बावजूद इसके चीन लगातार अपनी नीति को आगे बढ़ाता रहता है। भारत के साथ ही अपने आसपास के 13 और देशों से उसका सीमा विवाद है। चीन की नीति दरअसल ‘हथेली और 5 अंगुली’ वाली रही है। नक्शे में ये हथेली और 5 अंगुलियां भारत के अलावा दो और देशों की स्थिति बताती है। हथेली यानी तिब्बत। तिब्बत पर चीन पहले ही कब्जा जमा चुका है। अब पांच अंगुलियों में शामिल पूर्वी लद्दाख, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, भूटान और नेपाल को वो अपने कब्जे में करना चाहता है। चीन का दावा है कि पहले ये सभी इलाके उसी के थे। जबकि, हकीकत इससे उलट है।
तिब्बत हमेशा स्वतंत्र देश रहा। वहीं, नेपाल और भूटान भी ऐतिहासिक तौर पर आजाद देश हैं। भारत के पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश की बात करें, तो इतिहास के मुताबिक ये भी उसके इलाके हैं। भारत जब आजाद हुआ था, तो चीन से उसकी सीमा बिल्कुल नहीं लगी थी। तिब्बत पर चीन ने जब कब्जा जमा लिया, तो चीन की सीमा भारत से सट गई और विवाद यहीं से शुरू हुआ। चीन की कम्युनिस्ट सरकार को स्थापित करने वाले माओत्से तुंग ने इसके बाद ही 5 अंगुली वाला सिद्धांत दिया था। माओ ने तिब्बत के अलावा पूर्वी तुर्कीस्तान और भीतरी मंगोलिया के इलाकों पर पहले कब्जा जमाया। इसके बाद उसने भारत की तरफ देखा।
साल 1962 में अपनी विस्तारवादी नीति के तहत चीन ने माओ के रहते ही भारत पर हमला किया। करीब एक महीने तक वो जंग लड़ता रहा। फिर पूर्वी लद्दाख की 48000 वर्ग किलोमीटर जमीन को छोड़ सारे कब्जाए इलाकों को वापस कर लौट गया। इसके बाद काफी साल शांत रहने के बाद चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर दावा ठोक दिया। उसने इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताया। जबकि, अरुणाचल प्रदेश कभी भी तिब्बत का हिस्सा नहीं रहा था। अब उसने धीरे-धीरे कर नेपाल के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया है। जबकि, भूटान के डोकलाम इलाके पर कब्जा करने की उसकी कोशिश को भारत ने पहले ही विफल कर दिया था।