नई दिल्ली। 1 फरवरी…जब कभी यह तारीख आती है, तो देश की आर्थिक गलियां गुलजार हो जाती हैं…सभी के जेहन में आतुरता का सैलाब अपने उफान पर पहुंच जाता है…सभी की निगाहें केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किए जा रहे बजट पर टिकी रहती है। सभी के जेहन मे यह जानने की बेताबी अपने शबाब पर पहुंच जाती है कि आखिर वित्त मंत्री की तरफ से देश की आम जनता को बतौर तोहफे के रूप में क्या दिए जाने वाला है और किन लोगों को करारा झटका लगने जा रहा है। वैसे भी कोरोना काल में आम जनता की बदहाली अपने चरम पर पहुंच चुकी है। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के समक्ष आर्थिक हितों के साथ अपने चुनावी हितों को साधने की भी चुनौती है, तो आइए आगे आपका ज्यादा समय जाया न करते हुए आपको सीधा केंद्रीय वित्त मंत्री की उन घोषणाओं के बारे में तफसील से बताए चलते हैं, जिसमें यह बताया गया है कि इस वित्त वर्ष किन वस्तुओं की कीमत में तेजी देखने को मिलेगी और किन वस्तुओं की कीमत में नरमी देखने को मिलेगी। चलिए, आगे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
इस वस्तुओं की कीमत में आई कमी
आपको बताते चलें कि चमड़ा, कपड़ा, खेती का सामान, पैकेजिंग के डिब्बे, मोबाइल फोन चार्जर और जेम्स एंड ज्वैलरी सस्ते होंगे, क्योंकि इन वस्तुओं की लागत को बढ़ाने वाले कस्टम ड्यूटी की दर को 5 फीसद तक सत्ता कर दिया गया है। वहीं, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि देश की बहुत बड़ी सीमांत एवं लघु उद्योग में सक्रिय है, तो ऐसे केंद्र सरकार की तरफ से इस क्षेत्र में सक्रिय लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार आगामी एक वर्ष कस्टम ड्यूटी की मियाद को विस्तारित कर दिया है। मेंथा ऑयल पर कस्टम ड्यूटी को घटाया गया। मोबाइल फोन के चार्जर, ट्रांसफॉर्मर आदि पर कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है, ताकि घरेलू मैन्युफैक्टरिंग को बढ़ावा दिया जा सके।
क्या हुआ महंगा
इसके साथ ही पूंजीगत वस्तुओं के आयात शुल्क में 7.5 फीसद की तेजी दर्ज की गई है, जिसे ध्यान में रखते हुए आगामी दिनों में लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा था। इमिटेशन ज्वैलरी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई, ताकि इसके आयात को कम किया जा सके। विदेशी छाता भी महंगा होगा। इलेक्ट्रॉनिक आइटम और जूते-चप्पल भी सस्ते होंगे। बता दें कि जूते-चप्पलों पर जीएसटी की दर पिछले दिनों बढ़ाई गई थी। वहीं, आर्टिफिशियल गहने महंगे हो जाएंगे। तो अब इतना सब कुछ पढ़ने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि जहां एक तरफ जिन कुछ वस्तुओं की कीमत से आम जनता को राहत मिलेगी तो वहीं कुछ वस्तुओं की कीमत में तेजी होने की वजह से आम जनता को बड़ा झटका भी लगेगा। खैर, इस बजट से स्पष्ट है कि सरकार ने आर्थिक नीतियों को संतुलित करने का काम किया है। चलिए, अब जाते-जाते पिछले वित्त विर्ष यानी की 2020-21 में सरकार ने किन वस्तुओं की कीमत को बढ़ाने और किन वस्तुओं की कीमत में नरमी लगाने का फैसला किया था।
पिछले वित्त वर्ष में ये चीजें हुईं थीं महंगी और सस्ती
सरकार ने शराब, काबुली चना, मटर, मसूर की दाल समेत कई उत्पादों पर कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस लगाने की भी घोषणा की थी। निर्मला सीतारमण ने कस्टम्स में 400 से ज्यादा छूटों की समीक्षा करने का प्रस्ताव दिया। पिछले बजट में कॉटन, सिल्क, प्लास्टिक, लेदर, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स, ऑटो पार्ट्स, सोलर प्रॉडक्ट्स, मोबाइल, चार्जर, इम्पोर्टेड कपड़े, रत्न, LED बल्ब, फ्रिज/एसी और शराब बजट में महंगे हुए हैं।