
नई दिल्ली। उस वक्त सब एकाएक खामोशी के सैलाब में सराबोर हो गए, जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पारा गरमा गया और उन्होंने कांग्रेस नेता की जमकर क्लास लगा डाली। उन्होंने कांग्रेस नेता को जमकर खरी खोटी सुनाई और लगे हाथों इस बात का भी एहसास दिला दिया कि आइन्दा से पहले तौलों फिर बोलो। दरअसल, हुआ यूं था कि कांग्रेस सांसद अनुमुला रेवंत रेड्डी ने पीएम मोदी के उस वक्त के बयान को जब वे मुख्यमंत्री थे, का हवाला देकर अर्थव्यवस्था की माली हालत को लेकर सरकार की घेराबंदी की। बता दें, जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थें, उस वक्त उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था की माली हालत को लेकर बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था ‘रुपया ICU में पड़ा है, देश का दुर्भाग्य है कि दिल्ली सरकार को देश की चिंता नहीं है।’
संसद के शीतकालीन सत्र में इसी बयान को लेकर कांग्रेस नेता अनुमुला रेवंत रेड्डी ने अर्थव्यवस्था की माली हालत को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। जिस पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस नेता को मुंहतोड़ जवाब दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि चलिए अच्छी बात है कि आपने पीएम मोदी के उस बयान का जिक्र किया, जब वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान थें, लेकिन मैं यह कहना चाहती हूं कि आज की तारीख में जब देश की अर्थव्यवस्था हर मोर्चे पर आगे बढ़ रही है, तो कुछ लोगों को इससे जलन हो रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भी देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है।
It is sad that some people in Parliament are jealous of country’s increasing economy. India has the fastest-growing economy but opposition has a problem with it. Everyone should be proud of India’s growth but some people take it as a joke: Union FM Nirmala Sitharaman in Lok Sabha pic.twitter.com/oYot4KRAt7
— ANI (@ANI) December 12, 2022
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि आज की तारीख में सरकार को देश की बिल्कुल भी चिंता नहीं है। इन सभी को सिर्फ और सिर्फ अपनी कुर्सी की ही चिंता है। देश को आगे बढ़ाने की दिशा में इन सभी लोगों के पास कोई एक्शन प्लान नहीं हैं। जब डॉलर की कीमत 66 रुपए थी, तब इन्होंने कहा था कि रुपया ICU में है, अब रुपये की कीमत 83.20 है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि आईसीयू में दो रास्ते होते हैं। एक ठीक होकर सीधा घर की ओर जाते हैं और दूसरा अपने मुर्दा घर की ओर जाते हैं। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने केंद्रीय वित्त मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि इनके पास मॉर्चुरी से वापस लाने का क्या कोई एक्शन प्लान है?
Indian Rupee has been strong against other currencies. As regards USD, it’s getting stronger because of policies adopted by US Fed…RBI has used FOREX to intervene in market so that it can prevent USD-Rupee volatility.
– Smt @nsitharaman during Question Hour in Lok Sabha. pic.twitter.com/JD6dQlLvT9
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) December 12, 2022
Watch: Finance Minister @nsitharaman‘s reply on questions regarding currency devaluation & foreign exchange reserves during #QuestionHour in #LokSabha.@nsitharamanoffc @FinMinIndia #WinterSession2022 pic.twitter.com/oz8aV5Lyw7
— SansadTV (@sansad_tv) December 12, 2022
बता दें, कांग्रेस नेता के इसी बयान पर वित्त मंत्री का पारा गरमा गया। उन्होंने आगे कहा कि आज जब सभी विपरीत परिस्थितियों को मात देकर देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है, तो कुछ लोगों को ये बातें हजम नहीं हो रही है। ये लोग अब देश की अस्मिता को ठेस पहुंचा रहे हैं, बल्कि आज तो हमें गर्व करना चाहिए कि आज देश की अर्थव्यस्था सभी विपरीत परिस्थितियों को मात देकर आगे बढ़ रही है। इतना ही नहीं, विदेशों में भी भारतीय अर्थव्यवस्था अपना जलवा दिखा रही है। अनुमुला रेवंत रेड्डी ने सप्लीमेंट्री सवाल किया- ‘1947 से लेकर 65 सालों में रही सरकारों ने 55,87,149 करोड़ का लोन लिया था।
कांग्रेस के राज मे भारत की अर्थव्यवस्था ICU मे थी, Fragile Five मे थी…
आज COVID-19 महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की Fastest Growing Economy है।– श्रीमती @nsitharaman लोकसभा के प्रश्नकाल के दौरान। pic.twitter.com/wm4yJ5A7aZ
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) December 12, 2022
इस पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि करंसी डीवैल्युएशन शब्द का इस्तेमाल तब होता है, जब कोई फिक्स्ड एक्सचेंज रेट मैकेनिज़्म होता है। आज भारत में फिक्स्ड एक्सचेंज रेट मैकेनिज़्म नहीं है। अब ऐसी स्थिति में जब रेट डाउन होता है। तो इस तरह केंद्रीय मंत्री ने कई तथ्यों को पेश कर कांग्रेस नेता की बोलती बंद कर दी। इस बीच कई बार ऐसी स्थिति परिस्थितियां भी बन गई। जब संसद अध्यक्ष ओम बिरला को भी हस्तक्षेप करना पड़ गया। बहरहाल, अब आगमी दिनों में संसद के शीतकालीन सत्र में क्या कुछ परिस्थितियां देखने को मिलती हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।