newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Krishna Janmashtami: श्री कृष्ण के आगमन के लिए दुल्हन की तरह सज गया मथुरा से लेकर उज्जैन, मंदिरों में ऐसे हो रही तैयारियां

Krishna Janmashtami: महर्षि सांदीपनि आश्रम में भगवान श्री कृष्ण के अलावा भाई बलराम भी शिक्षा लेने के लिए आए थे। यहां रहकर उन्होंने वेद-पुराणों का ज्ञान प्राप्त किया था, जिसमें 18 पुराण, 4 वेद, 6 शास्त्र, और 64 कला सीखी थी। बताया जाता है कि इसी आश्रम में पहली बार कृष्णा और सुदामा की मुलाकात हुई थी

नई दिल्ली। इस साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर और आज यानी 7 सितंबर को मनाई जा रही है। आज देश भर के मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया है। मथुरा की श्री कृष्ण जन्मस्थली में भी आज ही धूम-धाम से कन्हैया का जन्मदिन सेलिब्रेट किया जाएगा। पूरे मथुरा को भगवान कृष्ण के आगमन से पहले ही दुल्हन की तरफ सजा दिया गया है। उज्जैन में भी भगवान श्री कृष्ण के आगमन की भी तैयारियां पूरी कर ली हैं। उज्जैन भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली है, जहां उनके स्वागत की तैयारी अलग ही लेवल पर हो रही हैं।

Janmashtami 2023

मथुरा और उज्जैन में कान्हा के आगमन की धूम

महाकाल की नगरी उज्जैन में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम देखने को मिल रही है। पूरी नगरी को जगमगाती लाइटों से सजा दिया गया है। बता दें कि उज्जैन भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली है और यहां कृष्ण की शिक्षा स्थली महर्षि सांदीपनि आश्रम में सुबह-सुबह की भगवान कन्हैया का  पंचामृत से विशेष पूजन हुआ।

बताया जाता है कि उज्जैन में आकर भगवान श्री कृष्ण ने शिक्षा-दीक्षा ली थी। भगवान श्रीकृष्ण 11 साल की उम्र में उज्जैन आए थे और ऋषि सांदीपनि से शिक्षा ली थी। तभी से इस स्थल का नाम शिक्षा स्थली महर्षि सांदीपनि आश्रम पड़ गया। देश विदेश से लोग शिक्षा स्थली महर्षि सांदीपनि आश्रम के दर्शन करने लिए आते हैं।

यहीं हुई थी सुदामा से दोस्ती

महर्षि सांदीपनि आश्रम में भगवान श्री कृष्ण के अलावा भाई बलराम भी शिक्षा लेने के लिए आए थे। यहां रहकर उन्होंने वेद-पुराणों का ज्ञान प्राप्त किया था, जिसमें 18 पुराण, 4 वेद, 6 शास्त्र, और 64 कला सीखी थी। बताया जाता है कि इसी आश्रम में पहली बार कृष्णा और सुदामा की मुलाकात हुई थी, जिसके बाद दोनों के बीच गहरी मित्रता हुई। आज सुबह महर्षि सांदीपनि आश्रम में भगवान श्री कृष्ण का पंचामृत अभिषेक  हुआ और महाआरती भी हुई।