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Bihar: बिहार में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच बढ़ी लालू परिवार की मुश्किलें, Land For Job Scam मामले में भेजा गया समन

Bihar: नीतीश कुमार एक बार फिर से पलटी मारने की तैयारी में हैं। वो कभी-भी बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। पिछले कई दिनों से जिस तरह से बीजेपी से उनकी नजदीकियां बढ़ रही हैं, उसे ध्यान में रखते हुए नीतीश के बीजेपी में जाने की चर्चा अपने चरम पर है।

नई दिल्ली। बिहार में जारी राजनीतिक घमासान के बीच दिल्ली की एक अदालत ने लैंड फ़ॉर ज़ॉब मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती अमित काटयाल, हृदयनंद चौधरी को समन भेजकर आगामी 9 फरवरी को अदालत में पेश होने को कहा है। वहीं, इस मामले में लालू यादव और उनके पुत्र तेजस्वी यादव खुद 29 और 30 जनवरी को अदालत के समक्ष पेश होंगे। बता दें कि इस मामले में आरोपपत्र काफी पहले ही दाखिल हो चुका था, जिसमें राजद सुप्रीमो पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत के दौरान इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। ध्यान दें, लालू परिवार को इस मामले में यह समन ऐसे वक्त में भेजा गया है, जब बिहार में राजनीतिक घमासान तेज है।

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चर्चा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से पलटी मारने की तैयारी में हैं। वो कभी-भी बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। पिछले कई दिनों से जिस तरह से बीजेपी से उनकी नजदीकियां बढ़ रही हैं, उसे ध्यान में रखते हुए नीतीश के बीजेपी में जाने की चर्चा अपने चरम पर है। इसी कड़ी में आज वो बीजेपी के वरिष्ठा नेता अश्विनी चैबे के साथ पूजा पाठ करते हुए भी दिखे, जिसके बाद लालू प्रसाद यादव की छोटी बेटी ने उन पर निशाना साधा। इससे पहले लालू की बड़ी बेटी रोहिणी आचार्य ने भी उन पर निशाना साधा था, लेकिन बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर लिया था। उधर, बताया जा रहा है कि कल सुबह 10 बजे की विधायक दल की बैठक के बाद नीतीश कुमार बीजेपी के खेमे में शामिल होंगे जिसके बाद वो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। खैर, अब आगामी दिनों में बिहार की राजनीतिक स्थिति क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आइए उससे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर लैंड फॉर जॉब मामला क्या है?

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आपको बता दें कि यह उन दिनों का मामला है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। तब उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने इस पद का दुरुपयोग करते हुए अभ्यर्थियों से उनकी जमीन अपने नाम लिखवाकर उन्हें रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी दिलवाई थी, जबकि रेल विभाग की ओर से नौकरी के लिए किसी भी प्रकार का आवेदन जारी नहीं किया गया था। फिलहाल, इस पूरे मामले की साीबीआई जांच जारी है। जांच एजेंसी अदालत के समक्ष आरोपपत्र भी दायर कर चुकी है, जिसमें लालू प्रसाद यादव को आरोपी बनाया गया है। बहरहाल, इस पूरे मामले में की जांच जारी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।