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बिहार : चीन सीमा पर शहीद हुए 4 रणबांकुरों को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए बिहार के चार रणबांकुरे कुंदन कुमार, चंदन कुमार, अमन कुमार और जय किशोर सिंह को शुक्रवार को हजारों लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

पटना। लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए बिहार के चार रणबांकुरे कुंदन कुमार, चंदन कुमार, अमन कुमार और जय किशोर सिंह को शुक्रवार को हजारों लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। इन शहीद जवानों को अंतिम विदाई देने के लिए भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा।

भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए बिहार के सिपाही जय किशोर सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा, तो पूरा गांव गम में डूब गया। शहीद सिपाही जय किशोर सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय वैशाली के चक फतेह गांव में लोगों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘जय किशोर अमर रहे’ के नारे लगाए।

वैशाली जिले के जंदाहा प्रखंड के मुकुंदपुर भात पंचायत के चक फतेह निवासी शहीद सैनिक जयकिशोर सिंह की अंतिम विदाई देने के लिए पूरा गांव ही उमड़ पड़ा। इधर, समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर के सुल्तानपुर गांव के रहने वाले शहीद अमन सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके गांव पहुंचा। उस समय पूरा गांव रो पड़ा। मोहिउद्दीननगर के लाल अमन कुमार सिंह का पूरे सैन्य सम्मान के साथ शुक्रवार को सुल्तानपुर गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। छोटे भाई रोहित कुमार सिंह ने मुखाग्नि दी। इससे पहले शहीद को सलामी दी गई।

लोगों में अमन की शहादत पर गर्व तो चीन के प्रति काफी गुस्सा दिखा। उधर, सहरसा के सतरकटैया प्रखंड के आरण गांव के रहने वाले शहीद कुंदन कुमार की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। शहीद कुंदन का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर पूरा आरण गांव रो पड़ा।

इसी तरह भोजपुर के जगदीशपुर स्थित कौरा पंचायत का ज्ञानपुरा गांव के निवासी शहीद चंदन कुमार को भी पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शुक्रवार सुबह जब शहीद चंदन का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो ग्रामीण अपने लाल की एक झलक पाने को बेताब दिखे। गांव में ही बनास नदी के किनारे शहीद चंदन का अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। इस मौके पर उनके परिजनों सहित समूचे गांव के लोगों ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी।