newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Lord Jagannath Ratna Bhandar: आज से भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार में रखी बेशकीमती चीजों की बनेगी लिस्ट, जानिए आप इस दौरान दर्शन कर सकेंगे या नहीं

Lord Jagannath Ratna Bhandar: भगवान जगन्नाथ का रत्न भंडार मुख्य मंदिर के जगमोहन के पास ही छोटे मंदिर के रूप में है। रत्न भंडार में 2 कक्ष हैं। इनको बाहर भंडार और भीतर भंडार कहा जाता है। भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समय-समय पर राजा-महाराजाओं और आम लोगों ने जो भी बेशकीमती दान दिया, उसे रत्न भंडार में ही रखा जाता है।

पुरी। ओडिशा के धार्मिक शहर पुरी में आज फिर भगवान जगन्नाथ का रत्न भंडार खोला जाना है। भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार का भीतरी हिस्सा खोलने के लिए सुबह 9.51 से 12.15 के बीच शुभ मुहूर्त निकला है। 14 जुलाई को पूजा-पाठ के बाद रत्न भंडार का ताला खोला गया था। प्राथमिक निरीक्षण के बाद रत्न भंडार को फिर बंद कर दिया गया था। 46 साल बाद रत्न भंडार का ताला खोलकर उसमें रखी चीजों की गिनती का काम होना है। भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार में रखी चीजों की गिनती और लिस्ट बनाने के लिए हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस बिश्वनाथ रथ की अध्यक्षता में 16 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है।

भगवान जगन्नाथ का रत्न भंडार मुख्य मंदिर के जगमोहन के पास ही छोटे मंदिर के रूप में है। रत्न भंडार में 2 कक्ष हैं। इनको बाहर भंडार और भीतर भंडार कहा जाता है। भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समय-समय पर राजा-महाराजाओं और आम लोगों ने जो भी बेशकीमती दान दिया, उसे रत्न भंडार में ही रखा जाता है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का भीतरी कक्ष खोलने के दौरान भक्तों के प्रवेश पर रोक रहेगी। कड़ी सुरक्षा के बीच रत्न भंडार में रखी चीजों को एक-एक कर लिस्ट में स्थान देने के साथ अस्थायी कोषागार भेजा जाएगा। वहां भी कड़ी सुरक्षा का प्रावधान किया गया है। हालांकि, 1982 और 1985 में भी रत्न भंडार को खोला गया था, लेकिन तब यहां रखी बेशकीमती चीजों की गिनती नहीं हुई थी। भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार में रखी चीजों की गिनती आखिरी बार 1978 में हुई थी।

भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार को सबसे पहले साल 1805 में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार के कलेक्टर चार्ल्स गोम्स ने खुलवाया था। उस वक्त रत्न भंडार में सोने और चांदी के रत्न जड़े गहने, सोने के 128 सिक्के, सोने की 24 मोहर, चांदी के 1297 सिक्के, तांबे के 106 सिक्के और 1333 तरह के वस्त्र मिले थे। आखिरी बार जब भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार को 1978 में खोलकर चीजों की लिस्ट बनाई गई थी, तब वहां सोने के 454 आभूषण और चांदी से बनी 293 चीजें मिली थीं। जगन्नाथ मंदिर के इस रत्न भंडार से जुड़ा विवाद भी बीते दिनों ओडिशा विधानसभा चुनाव के दौरान काफी गर्माया था। ये विवाद रत्न भंडार की चाबी से जुड़ा था। दरअसल, 2018 में रत्न भंडार की असली चाबी गुम होने की चर्चा तेज थी। ओडिशा के तत्कालीन सीएम नवीन पटनायक ने इस बारे में न्यायिक जांच भी बिठाई थी। जांच के दौरान ही पुरी के कलेक्टर को रत्न भंडार की डुप्लीकेट चाबी मिली थी। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाया था और कहा था कि उसकी सरकार बनने पर रत्न भंडार को खोलकर चीजों की गिनती कराई जाएगी।