नई दिल्ली। अब लोकसभा में कोई भी सांसद शपथ लेने के ठीक पहले या बाद में कुछ और न तो बोल सकेगा और न ही नारा ही लगा सकेगा। शपथ के दौरान उससे अलग कुछ और कहने पर रोक लगाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के कामकाज से संबंधित कुछ मामलों के लिए अध्यक्ष के निर्देशों में एक नया खंड जोड़ा है।
लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के निर्धारित नियमों में से 389 नियम में अध्यक्ष ने संशोधन किया है। नए नियम में कहा गया है कि संसद के सदस्य भारत के संविधान की तीसरी अनुसूची में निर्धारित शपथ प्रारूप के अनुसार ही शपथ लेगा या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर हस्ताक्षर करेगा। नए नियम में आगे लिखा गया है कि इसके अलावा वह शपथ लेते समय अपनी तरफ से किसी भी शब्द या अभिव्यक्ति का उपयोग नहीं करेगा या कोई टिप्पणी नहीं करेगा। यानी अब जो भी सांसद लोकसभा में पद की शपथ लेगा, वो सिर्फ शपथ वाला हिस्सा ही पढ़ेगा और फिर रजिस्टर में दस्तखत कर अपने स्थान पर जाकर बैठेगा।
दरअसल, इस बार लोकसभा में जब सांसदों का शपथग्रहण हो रहा था, तब विपक्षी सांसदों ने शपथ लेने के बाद जय संविधान कहा था। वहीं, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने तो जय फिलिस्तीन कह दिया था। ओवैसी के जय फिलिस्तीन कहने के बाद गाजियाबाद के बीजेपी सांसद अतुल गर्ग ने शपथ लेने के बाद डॉ. हेडगेवार जिंदाबाद, अटल बिहारी वाजपेयी जिंदाबाद और नरेंद्र मोदी जिंदाबाद का नारा लगाया था। वहीं, बरेली के बीजेपी सांसद छत्रपाल गंगवार ने शपथ लेने के बाद जय हिंदू राष्ट्र का नारा लगाया था। इन नारों के मसले पर लोकसभा में काफी हंगामा भी मचा था। वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शपथ लेने के बाद जब जय संविधान कहा, तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस पर टिप्पणी की थी कि जब संविधान के नाम पर ही शपथ ले रहे हैं, तो बाद में जय संविधान कहने का क्या अर्थ है। इस पर भी बयानबाजी हुई थी।