newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Ayodhya Ram Temple Lord Ramlala Pran Pratishtha: आज से भगवान रामलला का अस्थायी मंदिर बंद, पुराने विग्रह को अब दिया गया ये रूप

Ayodhya Ram Temple Lord Ramlala Pran Pratishtha: भगवान रामलला 1949 के अक्टूबर से 5 दिसंबर तक विवादित बाबरी मस्जिद के भीतर रहे थे। 6 दिसंबर 1992 को जब बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ, तो रामलला को टेंट के भीतर रख दिया गया था। फिर उनको अस्थायी मंदिर में रखा गया था।

अयोध्या। भगवान रामलला 1949 के अक्टूबर से 5 दिसंबर तक विवादित बाबरी मस्जिद के भीतर रहे थे। 6 दिसंबर 1992 को जब बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ, तो रामलला को टेंट के भीतर रख दिया गया था। 9 नवंबर 2019 को जब सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या की विवादित जमीन को राम मंदिर के लिए देने का आदेश दिया, तो भगवान रामलला टेंट से बाहर आए और फिर उनको अस्थायी मंदिर मंदिर में रखा गया। भक्त अब तक रामलला के दर्शन इसी अस्थायी मंदिर में कर रहे थे। राम मंदिर परिसर स्थित अस्थायी मंदिर को शुक्रवार रात आरती के बाद बंद कर दिया गया है। अब 70 साल से भगवान रामलला के जिस विग्रह की पूजा-अर्चना की जा रही थी, वो भी नए रूप में भक्तों को दिखने जा रहा है।

 

जानकारी के मुताबिक भगवान रामलला के पुराने विग्रह को आज सुबह राम मंदिर के गर्भगृह ले जाया गया। उनकी वहां पूजा-अर्चना की गई। रामलला के पुराने विग्रह को गर्भगृह में सोने के सिंहासन पर विराजमान किया गया है। उनके भाइयों के विग्रह भी साथ रखे गए हैं। अब राम मंदिर के गर्भगृह में ही भगवान के पुराने विग्रह के दर्शन भक्तों को होंगे। रामलला की पुरानी प्रतिमा को चल विग्रह बनाया गया है। वहीं, श्याम वर्ण के पत्थर से बने नए विग्रह को अचल रखा जाएगा। यानी जिस तरह उज्जैन और कुछ अन्य जगह देवी-देवताओं के अचल विग्रहों को बाहर भ्रमण पर ले जाया जाता है, उसी तरह अब रामलला के पुराने विग्रह को भी ले जाया जाएगा। खास पर्वों पर रामलला अयोध्या में नगर भ्रमण कर भक्तों को दर्शन भी देंगे।

Ram Mandir

22 जनवरी को भगवान रामलला के अचल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। 23 जनवरी से आम भक्तों को राम मंदिर में भगवान के चल और अचल दोनों रूपों के दर्शन होंगे। भगवान रामलला के पुराने विग्रह की भी रोज पूजा-अर्चना की जाएगी। ये जानकारी पहले ही राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास दे चुके हैं। रामलला की सेवा में जल्दी ही 6 और पुजारी भी नियुक्त किए जाएंगे। भगवान की पूजा रामानंद संप्रदाय के नियमों के तहत होगी। रामानंद संप्रदाय ही अयोध्या के राम मंदिर की देखभाल का जिम्मेदार है।