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Bhojshala: भोजशाला के एएसआई सर्वे में मिलीं भगवान शिव, राम और कृष्ण की आकृतियां!, हिंदू पक्ष का दावा

Bhojshala: भोजशाला को लेकर काफी समय से विवाद है। हिंदू पक्ष का दावा है कि महाराज भोज ने इसे सरस्वती मंदिर के तौर पर बनाया था और यहां बहुत बड़ी पाठशाला थी। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ये कमाल मौला मस्जिद है। धार जिले की सरकारी वेबसाइट कहती है कि ये भोजशाला है। इसी विवाद के कारण हिंदू पक्ष ने कोर्ट में केस कर रखा है।

धार। मध्यप्रदेश के धार स्थित भोजशाला में एएसआई का सर्वे जारी है। एएसआई की ओर से भोजशाला का सर्वे 55 दिन से चल रहा है। हिंदी अखबार दैनिक जागरण की खबर के अनुसार भोजशाला में एएसआई की तरफ से खोदाई की जा रही है। इसी खोदाई के दौरान 2 पत्थर मिले हैं। इन पत्थरों पर कई आकृतियां दिखी है। हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने दावा किया है कि इन पत्थरों में हिंदू चिन्ह मिले हैं। साथ ही कई देवताओं की मूर्तियां होने का भी उन्होंने दावा किया है।

गोपाल शर्मा के हवाले से अखबार ने अपनी खबर में बताया है कि भोजशाला के गर्भगृह के सामने स्तंभ को भी साफ किया गया है। सफाई के बाद स्तंभ पर ये आकृतियां भगवान शिव, भगवान परशुराम, भगवान राम और भगवान कृष्ण की आकृतियां दिख रही हैं। स्तंभ के ऊपरी हिस्से में भगवान कृष्ण की सुदर्शन चक्रधारी स्वरूप दिखने का उन्होंने दावा किया। वहीं, इसी स्तंभ के दक्षिण में धनुषधारी राम, पूर्व में भगवान परशुराम और पश्चिम में भगवान शिव की आकृति होने का दावा गोपाल शर्मा ने किया। गोपाल शर्मा ने बताया कि पहले मिली शिलाओं पर घंटा-घड़ियाल और कालसर्प यंत्र दिखे थे।

भोजशाला को लेकर काफी समय से विवाद है। हिंदू पक्ष का दावा है कि महाराज भोज ने इसे सरस्वती मंदिर के तौर पर बनाया था और यहां बहुत बड़ी पाठशाला थी। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ये कमाल मौला मस्जिद है। धार जिले की सरकारी वेबसाइट कहती है कि ये भोजशाला है। इसी विवाद के कारण हिंदू पक्ष ने कोर्ट में केस कर रखा है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने विवाद का निपटारा करने के लिए भोजशाला का एएसआई सर्वे कराने का आदेश दिया था। इसी आदेश के तहत एएसआई यहां सर्वे का काम कर रहा है। इससे पहले खबर आई थी कि एक जगह खोदाई में पुरानी सीढ़ियों जैसा आकार दिखा है। अभी एएसआई का ये सर्वे जारी रहेगा। मुस्लिम पक्ष ने एएसआई सर्वे को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी थी, लेकिन वहां से इसे रोकने का आदेश नहीं मिला।