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Maharashtra: उद्धव ठाकरे और पवार पर नाना पटोले ने लगाए आरोप, दिल्ली ऑफिस में लगी फटकार

Maharashtra: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार पर उन पर ‘निगरानी’ रखने का आरोप लगाया था। जिसके बाद से नाना पटोले की परेशानी बढ़ती हुई दिख रही है। हालांकि अपने इस बयान पर उन्होने सफाई भी दी थी लेकिन इसके बाद भी नाना पटोले को कड़ी फटकार का सामना करना पड़ा है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। महाराष्ट्र में सियासी घमासान लगातार तेज होता जा रहा है। दरअसल पिछले कई दिनों से अपने बयान और आरोप लगाने के चलते महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले सुर्खियों में बने हुए है। वहीं बीते कुछ दिन पहले पटोले का एक बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार पर उन पर ‘निगरानी’ रखने का आरोप लगाया था। जिसके बाद से नाना पटोले की परेशानी बढ़ती हुई दिख रही है। हालांकि अपने इस बयान पर उन्होंने सफाई भी दी थी लेकिन इसके बाद भी नाना पटोले को कड़ी फटकार का सामना करना पड़ा है।

Congress Shivsena NCP

दरअसल इस बयान के बाद उद्धव ठाकरे और अजित पवार काफी नाराज थे। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में पटोले के खिलाफ शिकायत की। जिसके बाद नाना पटोले की दिल्ली मुख्यालय में जमकर फटकार भी लगी। इसके बाद से माना जा रहा है कि राज्य सरकार में जल्दी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। बता दें कि अपने बयान पर सफाई देते हुए नाना पटोले ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। यह कहते हुए कि मेरे आरोप राज्य सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के खिलाफ थे, नाना पटोले ने इस मुद्दे पर मीडिया को भी फटकार लगाई है।

nana patole

बता दें कि शरद पवार संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी में लगे हुए हैं। पवार ने उद्धव ठाकरे से मुलाक़ात करके कहा है शिवसेना के सांसद मानसून सत्र में ओबीसी आरक्षण, किसानों के मुद्दे और बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ जोरदार आवाज़ उठाएं। महाराष्ट्र में मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होगा जो 13 अगस्त तक चलेगा। सरकार पहले ही केंद्र सरकार से मांग कर चुकी है कि स्थानीय निकायों में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण बहाल करने और नौकरियों व शिक्षा में मराठा आरक्षण के लिए 50 प्रतिशत की सीमा में छूट दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप करे।