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Radhika Khera Resigns From Congress: कांग्रेस को जोरदार झटका देकर प्रवक्ता राधिका खेड़ा का भी इस्तीफा, रामलला के दर्शन करने पर छत्तीसगढ़ पार्टी दफ्तर में बदसलूकी का दिया हवाला

Radhika Khera Resigns From Congress: राधिका खेड़ा ने अपने इस्तीफे की चिट्ठी में लिखा है कि उन्होंने हमेशा दूसरों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ी, लेकिन खुद का मौका आया तो कांग्रेस में उन्होंने खुद को हारा हुआ पाया। राधिका खेड़ा ने लिखा है कि आदिकाल से सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को झटके पर झटका लग रहा है। कांग्रेस की मुखर प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने भी पार्टी छोड़ दी है। राधिका खेड़ा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की चिट्ठी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेज दी है। राधिका खेड़ा ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस दफ्तर में उनसे बदसलूकी की गई। राधिका खेड़ा ने लिखा है कि उनको भगवान राम के दर्शन करने की इच्छा थी। इसी वजह से राम मंदिर गईं और फिर पार्टी में निशाने पर आ गईं।

राधिका खेड़ा ने अपने इस्तीफे की चिट्ठी में लिखा है कि उन्होंने हमेशा दूसरों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ी, लेकिन खुद का मौका आया तो कांग्रेस में उन्होंने खुद को हारा हुआ पाया। राधिका खेड़ा ने लिखा है कि आदिकाल से सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है। उन्होंने हिरण्यकश्यप से लेकर रावण और कंस तक का उदाहरण दिया है। राधिका खेड़ा ने लिखा कि भगवान राम के दर्शन से हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है। उन्होंने लिखा कि 22 साल तक ईमानदारी से पार्टी में काम किया। राधिका खेड़ा ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि प्रभु श्रीराम और महिला होने के नाते वो बहुत आहत हैं। राधिका खेड़ा ने ये भी लिखा है कि उन्होंने पार्टी के सभी बड़े नेताओं को बताया, लेकिन न्याय नहीं मिला। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि हां लड़की हूं, लड़ सकती हूं और अब वही कर रही हूं।

बता दें कि राधिका खेड़ा से पहले कांग्रेस के ही एक अन्य प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने भी भगवान राम का विरोध किए जाने का मुद्दा उठाकर कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। गौरव वल्लभ ने बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद कहा था कि कांग्रेस में भगवान रामलला का विरोध और देश में युवाओं को नौकरी देने वाले कारोबारियों के खिलाफ बयान देने को कहा जाता था। गौरव वल्लभ ने कहा कि इसका उन्होंने विरोध किया और जब शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व ने उनकी बात नहीं सुनी, तो पार्टी छोड़ने का फैसला किया।