नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को झटके पर झटका लग रहा है। कांग्रेस की मुखर प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने भी पार्टी छोड़ दी है। राधिका खेड़ा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की चिट्ठी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेज दी है। राधिका खेड़ा ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस दफ्तर में उनसे बदसलूकी की गई। राधिका खेड़ा ने लिखा है कि उनको भगवान राम के दर्शन करने की इच्छा थी। इसी वजह से राम मंदिर गईं और फिर पार्टी में निशाने पर आ गईं।
आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूँ व अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूँ।
हाँ मैं लड़की हूँ और लड़ सकती हूँ, और वही अब मैं कर रहीं हूँ।
अपने व देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूँगी। pic.twitter.com/6hjgSDcXV0
— Radhika Khera (@Radhika_Khera) May 5, 2024
राधिका खेड़ा ने अपने इस्तीफे की चिट्ठी में लिखा है कि उन्होंने हमेशा दूसरों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ी, लेकिन खुद का मौका आया तो कांग्रेस में उन्होंने खुद को हारा हुआ पाया। राधिका खेड़ा ने लिखा है कि आदिकाल से सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है। उन्होंने हिरण्यकश्यप से लेकर रावण और कंस तक का उदाहरण दिया है। राधिका खेड़ा ने लिखा कि भगवान राम के दर्शन से हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है। उन्होंने लिखा कि 22 साल तक ईमानदारी से पार्टी में काम किया। राधिका खेड़ा ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि प्रभु श्रीराम और महिला होने के नाते वो बहुत आहत हैं। राधिका खेड़ा ने ये भी लिखा है कि उन्होंने पार्टी के सभी बड़े नेताओं को बताया, लेकिन न्याय नहीं मिला। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि हां लड़की हूं, लड़ सकती हूं और अब वही कर रही हूं।
#WATCH | On her resignation from Congress, Congress National Media Coordinator Radhika Khera says, “Shri Ayodhya Dham, the birthplace of Ram Lalla, is a very sacred place for all of us and I could not stop myself from going there. But I had never thought in my life that I would… https://t.co/z2qbGjH5P8 pic.twitter.com/ktHpAKL6gt
— ANI (@ANI) May 5, 2024
बता दें कि राधिका खेड़ा से पहले कांग्रेस के ही एक अन्य प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने भी भगवान राम का विरोध किए जाने का मुद्दा उठाकर कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। गौरव वल्लभ ने बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद कहा था कि कांग्रेस में भगवान रामलला का विरोध और देश में युवाओं को नौकरी देने वाले कारोबारियों के खिलाफ बयान देने को कहा जाता था। गौरव वल्लभ ने कहा कि इसका उन्होंने विरोध किया और जब शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व ने उनकी बात नहीं सुनी, तो पार्टी छोड़ने का फैसला किया।