नई दिल्ली। महाठग सुकेश चंद्रशेखर की तरफ से चिट्ठियों का सिलसिला जारी है। एलजी को दो चिट्ठियों लिखने के बाद सुकेश ने तीसरी चिट्ठी भी लिख दी है। तीसरी चिट्ठी मीडिया के नाम लिखी है, जिसमें एक बार फिर से आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर आरोप गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ये चिट्ठी सुकेश के वकील की तरफ से लिखी गई है। इस बार आरोपी सुकेश ने सीधा-सीधा केजरीवाल से सवाल किया है और आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की है। तो चलिए जानते हैं कि तीसरे लेटर बम में सुकेश ने क्या नए खुलासे किए हैं।
केजरीवाल पर लगाया मुद्दा भटकाने का आरोप
तीसरी चिट्ठी में सुकेश ने अरविंद केजरीवाल से सवाल किया है और कहा है कि खुद को बचाने के लिए मुद्दे को भटकाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुझे लगातार जेल में आप सरकार और जेल प्रशासन की तरफ से धमकियां मिल रही हैं। मैं किसी से डरने वाला नहीं हूं। पहले मैंने चीजों को नजरअंदाज किया, चुप रहना सही समझा, लेकिन अब नहीं। सत्येंद्र जैन ने पंजाब चुनाव के दौरान पैसे देने को कहा था…पैसे देने का सिलसिला लंबा चला। लेकिन अब मैं इसके लिए कानून का सहारा लूंगा।एलजी को पत्र लिखने के लिए मेरे ऊपर किसी ने कोई दबाव नहीं डाला, जो किया अपनी मर्जी से किया।
ड्रामा बंद करो केजरीवाल
केजरीवाल पर निशाना साधते हुए सुकेश ने लेटर में लिखा कि केजरीवाल को अपना ड्रामा बंद करना चाहिए। वो और उनकी पार्टी मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रही है। जेल में मुझे डराने के लिए, चुप रहने के लिए धमकियों का सहारा लिया जा रहा है। मैं सच लिख रहा हूं और अब किसी से भी डरने वाला नहीं हूं। मैंने पहली दो चिट्ठियों एलजी को लिखी थी। मैंने कुछ भी गलत नहीं लिखा था। उपराज्यपाल को लेटर लिखकर अपनी बात करना गलत है तो मैं कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए भी के लिए भी तैयार हूं। अगर मैं गलत हूं तो फांसी पर लटकने के लिए तैयार हूं।
गलत हूं तो फांसी लगा दो…
सुकेश ने आगे कहा कि मैं अगर झूठा हूं तो मुझे केजरीवाल झूठा साबित करके दिखाएं। अगर वो मुझे झूठा साबित नहीं कर पाए तो अपने पद से इस्तीफा दे दें। इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच जरूरी है। मनीष सिसोदिया के बयान का जिक्र करते हुए सुकेश ने कहा कि मुझपर ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि ये सब मैं इसलिए कह रहा हू कि कोई इस मामले में मेरी मदद कर रहा है लेकिन मैं बता दूं कि मैं इतना सक्षम हूं कि खुद अपनी मदद कर सकता हूं। मुझे किसी के सहारे की जरूरत नहीं है।