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Mahua Moitra Defamation Case: महुआ की याचिका पर 31 अक्टूबर तक टली सुनवाई, जानें आज कोर्ट में क्या कुछ हुआ?

इससे पहले जब संसद में सत्र के दौरान अशोभनीय व्यवहार करने के मामले में आप नेता राघव चड्ढा को निलंबित कर दिया था, तो उस वक्त उन्होंने यही कहा था कि उन्हें अदानी प्रकरण को लेकर केंद्र सरकार की घेराबंदी करने की सजा मिल रही है, लेकिन आपको बता दें कि अब जिस तरह के आरोप महुआ मोइत्रा पर लग रहे हैं, उसकी पुष्टि बीते गुरुवार को व्यापारी दर्शन हीरानंदानी ने अपने लेटर में कर दी है।

नई दिल्ली। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा प्रकरण को लेकर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट में जमकर दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप हुआ। दरअसल, यह सुनवाई महुआ द्वारा बीजेपी नेता निशिकांत दुबे और वरिष्ठ वकील अनंत देहद्राई के खिलाफ दर्ज कराई गई मानहानि के मामले में हुई। वहीं, आज सुनवाई के दौरान अदालत में अनंत देहद्राई ने महुआ के वकील पर केस वापस लेने का दबाव बनाने का भी आरोप लगाया। बता दें कि देहद्राई से महुआ का एक पालतू कुत्ता रखने को लेकर भी विवाद चल रहा है। तीन साल के कुत्ते की हिरासत को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद पिछले कई दिनों से अपने चरम पर पहुंच चुका है। ध्यान दें, अनंत देहद्राई महुआ मोइत्रा के पुराने सहयोगी भी रह चुके हैं। इस दौरान टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के वकील गोपाल शंकरनारायण भी अदालत में पेश हुए।

वहीं, अनंत देहद्राई ने आरोप लगाया कि महुआ ने उनसे कहा कि अगर वो अपने पुराने सहयोगी को उनका कुत्ता वापस लौटा देती है, तो वो केस वापस ले लेंगी। देहद्राई ने कहा कि महुआ के वकील शंकरनारायण ने उनसे संपर्क किया और कहा कि अगर आप मामला वापस लेने को तैयार हो जाते हैं, तो सब दुरूस्त हो जाएगा। इसके बाद जज ने उन्हें फटकार लगाई जिसके बाद उन्होंने केस से खुद को अलग कर लिया। आइए, आगे आपको पूरा माजरा विस्तार से बताते हैं।

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जानें पूरा माजरा

दरअसल, बीते दिनों बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में पैसे लेकर व्यापारी दर्शन हीरानंदानी को लेकर सवाल पूछने का आरोप लगयाा। बीजेपी नेता ने कहा कि महुआ ने संसद में 80 फीसद सिर्फ और सिर्फ दर्शन हीरानंदानी से जुड़े पूछे। हालांकि, महुआ ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर इसे राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया है, लेकिन आपको बता दें कि बीते गुरुवार को व्यावारी दर्शन हीरानंदानी ने एक पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की पुष्टि की है। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार महुआ ने मेरा भी इस्तेमाल अनुचित तरीके से किया है। वहीं, बीते दिनों स्पीकर ओम बिरला ने महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की जांच के लिए मामले को एथिक्स पैनल को भेज दिया था। आइए, अब आगे आपको इस पूरे मामले को लेकर जारी सियासी मिजाज के बारे में विस्तार से बताते हैं।

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एकजुट हुए विपक्ष

दरअसल, उक्त मामले ने सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर दिया है। सभी विपक्षी दल महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर इसे राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बता रहे हैं। सभी का कुल मिलाकर यही कहना है कि सड़क से लेकर संसद तक महुआ अदानी प्रकरण को लेकर मोदी सरकार की घेराबंदी करती हैं, जिससे खफा होकर बीजेपी उन्हें निशाने पर ले रही है। सनद रहे कि बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने भी यही दावा किया था कि जब मोदी सरनेम प्रकरण मामले में उनकी संसद सदस्यता रद कर दी गई थी। तब उन्होंने कहा था कि संसद के मानसून सत्र में अदानी प्रकरण को लेकर मोदी सरकार की घेराबंदी करने की सजा उन्हें मिल रही है। यही नहीं, बीते दिनों आबकारी नीति मामले में आप नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी के दौरान उन्होंने भी अदानी प्रकरण का ही राग अलापा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो संसद में अदानी प्रकरण को लेकर सरकार की घेराबंदी करते हैं, जिसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है, ताकि कोई सवाल ना पूछे जाए।

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ध्यान दें, इससे पहले जब संसद में सत्र के दौरान अशोभनीय व्यवहार करने के मामले में आप नेता राघव चड्ढा को निलंबित कर दिया था, तो उस वक्त उन्होंने यही कहा था कि उन्हें अदानी प्रकरण को लेकर केंद्र सरकार की घेराबंदी करने की सजा मिल रही है, लेकिन आपको बता दें कि अब जिस तरह के आरोप महुआ मोइत्रा पर लग रहे हैं, उसकी पुष्टि बीते गुरुवार को व्यापारी दर्शन हीरानंदानी ने अपने लेटर में कर दी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।