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Congress: ‘अब इन नेताओं की होगी छुट्टी जो..!’, CWC मीटिंग में दिखा खड़गे का रौद्र रूप, कांग्रेस में खलबली

Congress: खरड़े ने आगे कहा कि, ‘मुझे पूरी उम्मीद है कि आगामी 10 से 15 दिनों में पार्टी के सभी नेता पार्टी को संबल बनाने की दिशा में आंदोलन की रूपरेखा को जीवंत करेंगे’। इस बीच उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए यात्रा के 88 दिन पूरे हो चुके हैं।

नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में मुंह की खाने के बाद राहुल गांधी ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्य़क्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही यह भी कह दिया था कि पार्टी की कमान गैर-गांधी परिवार को ही मिलनी चाहिए। हालांकि, इस बीच उन्हें मनाने की खूब कोशिश की गई और उनसे आग्रह किया गया कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान अपने हाथों में ले लें, लेकिन राहुल अपनी बातों पर अटल रहे। तब तक अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सोनिया ने पार्टी की कमान अपने हाथों में ले रखी थी। इस बीच बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर रही। इसके बाद कांग्रेस दीर्घ नींद्रा से जागी, जिसके बाद अध्य़क्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया का आगाज किया गया। प्रत्याशी के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर चुनावी मैदान में उतरे। चुनाव से पहले कई तरह के कयास लगे। खड़गे को गांधी परिवार का करीबी बताया जाने लगा। जिसके बाद उक्त चुनाव को फिक्सिंग की उपमा दे दी गई। वहीं थरूर का राजनीतिक चरित्र तो जगजाहिर है कि वो हमेशा से ही कांग्रेस की नीतियों की मुखालफत करते रहे हैं।

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ऐसे में उक्त चर्चाओं को बल मिलना स्वभाविक है। ध्यान रहे कि गत दिनों कांग्रेस में एक ऐसे नेताओं की टोली का उदय हुआ जिसने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की सुधार की दिशा में कदम नहीं उठाने को लेकर आलोचना करने से गुरेज नहीं किया। कथित तौर पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को नेताओं का यह रुख पसंद नहीं था। इसी टोली में थरूर भी शामिल थे, तो ऐसी स्थिति में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व थरूर से ज्यादा खरगे को तरहीज दें, इसकी संभावना ज्यादा प्रबल थीं। वहीं, अब खड़गे ने पार्टी की कमान अपने हाथों में ली है। वो राष्ट्रीय अध्य़क्ष के पद पर आसीन हो चुके हैं, तो उनसे उम्मीदें ज्यादा हैं। उन्हें लंबा संसदीय राजनीति का अनुभव है। वे कांग्रेस के अर्श से लेकर फर्श तक और फर्श से लेकर अर्श तक पहुंचने की राजनीतिक यात्रा के जीवंत साक्षी रहे हैं।

ऐसे में जाहिर है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को उनसे ज्यादा उम्मीदें हैं, लेकिन गत दिनों गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान जिस तरह पीएम मोदी को उन्होंने रावण बताकर पार्टी को मुसीबत में डाल दिया है, उसे लेकर उनकी राजनीतिक परिपक्वता पर संदेह जताया जा रहा है। गुजरात विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है। उधर, राहुल भारत जोड़ो यात्रा में मसरूफ हैं। ऐसी स्थिति में खरड़े ने खुद ही पार्टी की कमान अपने हाथों में संभाल रखी है।

आज इसी बीच खड़गे ने पार्टी के संचालन समिति की बैठक की अध्यक्षता की। जिसमें सभी नेता मौजूद रहे। बैठक में उन्होंने ऊपर से लेकर नीचे तक के सभी नेताओं को अपनी जवाबदेही तय करने के लिए कहा है। उन्होंने सख्त लहजे में स्पष्ट कर दिया कि जो संगठन में अपने दायित्वों का निर्वहन करने में अक्षम हैं, उन्हें मौका नहीं देना चाहिए। स्पष्ट रूप से उन्होंने अपने उक्त कथन से उन सभी लोगों पर करारा हमला बोला है, जो लंबे अर्से से विभिन्न पदों पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि विभिन्न पदों पर आसीन सभी लोगों से गुजारिश करूंगा कि वो अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करें।

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या पार्टी के प्रभारी, महासचिव और ब्लॉक अध्य़क्ष अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले क्षेत्रों का एक माह में10 दिन भी दौरा करते हैं? क्या आप जिला इकाई पर जाकर पार्टी नेताओं से चर्चा करते हैं? क्या आप जमीनी हकीकत के मुताबिक चर्चा करते हैं? क्या ब्लॉक व जिला स्तर पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को मौका दिया गया है?

क्या ब्लॉक और जिला स्तर की विभिन्न समस्याओं के निदान की दिशा में कदम उठाया गया है और अगर नहीं, तो आखिर इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं। उन्होंने निर्देशानुसार लहजे में कहा कि 90 से 100 दिनों के भीतर सभी लोग आंदोलन के लिए पूरी रूपरेखा तैयार करें। और पार्टी को संबल बनाने की दिशा में काम करें।

खरड़े ने आगे कहा कि, ‘मुझे पूरी उम्मीद है कि आगामी 10 से 15 दिनों में पार्टी के सभी नेता पार्टी को संबल बनाने की दिशा में आंदोलन की रूपरेखा को जीवंत करेंगे’। इस बीच उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि यात्रा के 88 दिन पूरे हो चुके हैं। अब यह यात्रा राजस्थान की सीमा पर प्रवेश करेगी। इसके बाद यह अन्य राज्यों में प्रवेश करेगी। उन्होंने यह कहने में कोई गुरेज नहीं किया आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह यात्रा मील का पत्थर साबित होने जा रही है।

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बहरहाल, अब आगामी दिनों में यह यात्रा क्या रुख अख्तियार करती है और पार्टी की मौजूदा स्थिति पर इसका क्या असर पड़ता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।