नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस TMC की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी आज पीएम नरेंद्र मोदी से मिलेंगी। सूत्रों के मुताबिक वह मोदी के साथ बैठक में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 50 किलोमीटर तक बढ़ाने और त्रिपुरा में टीएमसी और बीजेपी के बीच हिंसा के मसलों को उठाएंगी। बता दें कि ममता परसों शाम दिल्ली पहुंची थीं। तब से अब तक उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं की है। जबकि, कांग्रेस के पूर्व सांसद अशोक तंवर और कीर्ति आजाद को अपनी पार्टी में शामिल करा चुकी हैं। इससे कांग्रेस आलाकमान के सामने ममता ने टेढ़ा दांव चल दिया है। बताया जा रहा है कि ममता और पीएम मोदी की मुलाकात का वक्त शाम के 5 बजे तय हुआ है। उधर, त्रिपुरा के मसले पर ममता का हमलावर रुख जारी है। बीजेपी के खिलाफ ममता ने बयान दिया है कि अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग या संविधान का अनुच्छेद 355 कहां है। उन्होंने सवाल उठाया कि केंद्र ने अब तक त्रिपुरा को कोई नोटिस क्यों नहीं भेजा। बीजेपी पर हमलावर ममता का कहना है कि ये पार्टी लोगों को धोखा देने का दायित्व निभा रही है।
संसद का शीतकालीन सत्र कुछ दिन बाद शुरू होने जा रहा है। ऐसे में ममता का दिल्ली दौरा काफी अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक संसद में मोदी विरोधी विपक्ष को एकजुट करने के लिए ममता दिल्ली में हैं। वह कल शाम कोलकाता लौटेंगी, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि ममता ने विपक्षी एकता की बात कहने वाली कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात क्यों नहीं की। साथ ही कांग्रेस के दो नेताओं को अपनी पार्टी में ज्वाइन कराकर वो कांग्रेस को क्या संकेत दे रही हैं।
ममता बनर्जी अपने दांव की वजह से मशहूर हैं। बंगाल इलेक्शन के दौरान उनकी गाड़ी एक खंबे से टकरा गई थी। जिसके बाद ममता ने अपने पैर पर प्लास्टर बांधकर पूरा चुनाव व्हीलचेयर पर बैठकर लड़ा और बीजेपी के खिलाफ अभियान चलाया। नतीजे में उनकी सरकार एक बार फिर पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज हो गई।