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ममता बनर्जी सरकार का कोरोना आंकड़ों को लेकर झोल, 3 दिन बाद पेश किए आंकड़े, 7 संदिग्धों की मौत पर चुप्पी

पश्चिम बंगाल सरकार की कोरोना वायरस के आंकड़ों पर केंद्र से तनातनी चल रही है। इस बीच राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने कोरोना पर तीन दिन बाद आंकड़े जारी किए हैं।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस और लॉकडाउन के बीच भी सियासी खींचतान देश के अलग अलग हिस्सों में दिख रही है। कहीं प्रवासी मजदूरों से ट्रेन का किराया वसूले जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं तो उन आरोपों पर पलटवार की राजनीति, कहीं मॉब लिंचिंग को लेकर सियासत हो रही है तो कहीं कोरोना के आंकड़ों को लेकर। ऐसी ही एक सियासी तनातनी पश्चिम बंगाल सरकार की कोरोना वायरस के आंकड़ों पर केंद्र से तनातनी चल रही है। इस बीच राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने कोरोना पर तीन दिन बाद आंकड़े जारी किए हैं। ममता सरकार ने माना है कि कोरोना मरीजों का डेटा इकट्ठा करने के तरीके में चूक हुई है। सरकार का कहना है कि ऐसा हो सकता है कि कुछ केस रिपोर्ट न हो पाए हों। हालांकि सरकार ने 72 संदिग्ध मौतों को कोरोना डेटा में शामिल करने से इनकार किया है।

राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने मीडिया से बातचीत में कोरोना के आंकड़े जारी किए। इस दौरान उन्होंने यह बात मानी कि राज्य सरकार ने पिछले तीन दिन से कोरोना पर डेटा नहीं जारी किया। बंगाल में ऑडिट कमिटी ने दूसरी बीमारियों से मरने वाले 72 लोगों की मौत को कोरोना वायरस से जोड़ा है। इस बीच पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कोरोना से 11 और मौतें हुई हैं। इसके साथ ही अब तक कोविड-19 की चपेट में आकर 61 मौतें हो चुकी हैं। हालांकि इसमें उन 72 मौतों को नहीं जोड़ा गया है। उन मौतों को जोड़ने पर मृतकों की संख्या 133 पहुंच जाती है।

Corona

मीडिया से बातचीत में मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा, ‘हम आपको सही आंकड़े दे रहे हैं। वहीं दूसरी बीमारियों (कोरोना पॉजिटिव भी थे) से 72 मरीजों की मौत की बात हमारे पास नहीं आई है क्योंकि अस्पतालों को इसके बारे में जानकारी नहीं देने के लिए कहा गया है। इसलिए वे हमें कोरोना से मौतों की संख्या बता रहे हैं और हम आप तक सही आंकड़े पहुंचा रहे हैं। कोई मुद्दा ही नहीं है।’

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मुख्य सचिव ने डेटा में देरी का ठीकरा निजी अस्पतालों पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों की खामियों की वजह से सरकार को डेटा जारी करने में देरी हो रही है। उन्होंने साथ ही कहा कि कोरोना के मामलों में रिपोर्टिंग की प्रक्रिया बहुत जटिल है। जिससे केस के आंकड़ों का मिलान करने में चूक हो रही है।