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Manish Sisodia: मनीष सिसोदिया को लगा बड़ा झटका, नहीं मिली जमानत, कोर्ट ने याचिका की खारिज

Manish Sisodia: उन्होंने जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन सीबीआई ने कोर्ट में उक्त याचिका का विरोध किया। सीबीआई ने कहा कि मामले को लेकर सिसोदिया पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। यहां तक उनके ऊपर मामले से जुड़े साक्ष्यों को नष्ट करने का भी आरोप लगा है, जिसे देखते हुए अभी उनके तफसील से पूछताछ करनी है।

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नई दिल्ली। नई आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को तगड़ा झटका लगा है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि उन्होंने जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन सीबीआई ने कोर्ट में उक्त याचिका का विरोध किया। सीबीआई ने कहा कि मामले को लेकर सिसोदिया पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। यहां तक की उनके ऊपर मामले से जुड़े साक्ष्यों को नष्ट करने का भी आरोप है, जिसे देखते हुए अभी उनसे तफसील से पूछताछ की जानी है। इतना ही नहीं, जांच एजेंसी ने यह भी आशंका जताई कि अगर सिसोदिया को जमानत दी जाती है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि वो सबूतों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। बहरहाल, अब आगामी दिनों में वो क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

बता दें कि बीते दिनों मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने आठ घंटे की मैराथन पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। हालांकि, सिसोदिया की गिरफ्तारी की बात सीएम केजरीवाल ने एक इंटरव्यू के दौरान पहले ही स्पष्ट कर दी थी।  जिसके बाद यह सवाल भी उठे थे कि आखिर सिसोदिया की गिरफ्तारी होगी, यह बात उन्हें कैसे पता? उधर, सीबीआई के बाद ईडी ने भी  सिसोदिया पर शिकंजा कसा। ध्यान रहे कि ई़डी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। वहीं, सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया था। बता दें कि सिसोदिया शिक्षा और वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे थे। उनके इस्तीफे के बाद यह जिम्मेदारी सौरभ भारद्वाज और आतिशी को सौंप दी गई।

उधर, आप ने सिसोदिया की गिरफ्तारी को बीजेपी की साजिश बताया। आप का कहना है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के दबाव में सिसोदिया के खिलाफ उक्त कार्रवाई की गई है। आप ने इसे प्रतिशोध की राजनीति बताया है, जिसके जवाब में बीजेपी ने कहा कि सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। जांच एजेंसियां अपना कम करने के लिए स्वतंत्र हैं। ध्यान रहे कि बीते दिनों बीजेपी कार्यालय का उद्घाटन करने के दौरान भी पीएम मोदी ने जांच एजेंसियों को स्वतंत्र करार दिया था।

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