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मरकज कांड : मस्जिद खाली करने को राजी नहीं थे मौलाना, 2 बजे रात को जा पहुंचे अजीत डोभाल

मंगलवार की रात से बुधवार की सुबह तक मरकज को खाली कराने का ऑपरेशन चलाया गया। हालांकि इससे पहले मरकज को खाली कराने को लेकर दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मौके पर गईं तो निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख मौलाना साद ने बंगालीवाली मस्जिद को खाली करने से मना कर दिया था।

नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मरकज में शामिल लोगों में कोरोना संक्रमण की शिकायत है, उनमें कुछ लोगों को आइसोलेट किया गया है। हड़कंप तब मचा जब मरकज में शामिल लोगों में से 24 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई। इसके बाद इससे जुडे 350 लोगों को राजधानी के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

Ajit Doval

इसके बाद मंगलवार की रात से बुधवार की सुबह तक मरकज को खाली कराने का ऑपरेशन चलाया गया। हालांकि इससे पहले मरकज को खाली कराने को लेकर दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मौके पर गईं तो निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख मौलाना साद ने बंगालीवाली मस्जिद को खाली करने से मना कर दिया था।

जिसके बाद मोदी सरकार ने ऐसे मौके के लिए हनुमान माने जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल को मोर्चा संभालने को कहा। गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार, डोभाल मरकज में 28-29 मार्च की रात लगभग 2.00 बजे पहुंचे और मौलाना साद को कहा कि वह कब्जेदारों की कोविड -19 संक्रमण की जांच करवाएं। शाह और डोभाल स्थिति के बारे में जानते थे क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों ने तेलंगाना के करीमनगर में नौ टेस्ट पॉजिटिव इंडोनेशियाई लोगों को 18 मार्च को मरकज से आने के बाद ट्रैक किया था। सुरक्षा एजेंसियों ने अगले दिन मरकज संक्रमण के बारे में सभी राज्य पुलिस और सहायक कार्यालयों को अलर्ट भेजा था।

Maulana Saad

जबकि मरकज ने 28 और 29 मार्च को 167 तब्लीगी कार्यकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति दी थी, लेकिन डोभाल के दखल देने के बाद ही जमात नेतृत्व ने मस्जिद की सफाई की। डोभाल ने पिछले दशकों में भारत और विदेशों में विभिन्न मुस्लिम आंदोलनों के साथ बहुत करीबी संबंध बनाए हैं। यही कारण है डोभाल लगभग सभी मुस्लिम उलेमाओं को जानते हैं और देश के लिए राष्ट्रीय रणनीति बनाने के लिए उनके साथ समय बिताते हैं।

Delhi Markaj

मरकज की सफाई को लेकर ऑपरेशन अब चरण 2 में चला गया है। इसमें सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि यह प्रयास उन सभी विदेशियों का पता लगाने के लिए है जो भारत में हैं, उन्हें चिकित्सकीय रूप से जांचा जाता है और फिर वीज़ा मानदंडों का उल्लंघन करने पर कड़ी नज़र रखी जाती है। दिल्ली में मार्का में 216 विदेशी नागरिक थे, लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में 800 से अधिक हैं। इनमें से अधिकांश इंडोनेशिया, मलेशिया और बांग्लादेश के नागरिक हैं। जनवरी के बाद से गृह मंत्रालय ने कहा है, लगभग 2,000 विदेशियों ने मरकज मण्डली में भाग लिया है। प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि लगभग सभी ने अपने वीजा की शर्तों का उल्लंघन करते हुए पर्यटकों के लिए वीजा पर भारत में प्रवेश किया।