
नई दिल्ली। श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद समिति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें हिंदू पक्ष द्वारा दायर विभिन्न मुकदमों को चुनौती देने वाली उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को दिए अपने आदेश में मुस्लिम पक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा था कि हिंदू पक्ष की ओर से दायर सभी मुकदमे सुनने लायक हैं। शाही ईदगाह मस्जिद समिति की इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है।
Shahi Eidgah Masjid committee moves Supreme Court challenging Allahabad High Court order which rejected its plea challenging the maintainability of various lawsuits initiated by Hindu devotees. pic.twitter.com/y46UaFCfH9
— ANI (@ANI) September 4, 2024
मुस्लिम पक्ष की ओर से हाईकोर्ट में दलील दी गई थी कि विवादित जमीन को लेकर दोनों पक्षों में 1968 में समझौता हुआ था लिहाजा 60 साल बाद समझौते को गलत बताना पूरी तरह अनुचित है इसलिए यह मुकदमा चलने योग्य ही नहीं है। हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई 18 याचिकाओं में शाही ईदगाह मस्जिद को श्री कृष्ण जन्म स्थान बताकर उसे हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग की गई थी। वहीं हिंदू पक्ष के अनुसार ईदगाह का पूरा ढाई एकड़ का क्षेत्र भगवान श्रीकृष्ण विराजमान का गर्भगृह है। इस मंदिर तो तोड़कर ही मस्जिद का अवैध निर्माण किया गया था। वक्फ बोर्ड ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इस भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया है। जबकि मस्जिद कमेटी के पास भूमि संबंधी कोई रिकॉर्ड नहीं है।
हिंदू पक्ष के अनुसार इस जमीन का स्वामित्व कटरा केशव देव का है। एएसआई ने भी इस जमीन को नजूल भूमि माना है तो फिर यह वक्फ संपत्ति नहीं हो सकती है। इसके बाद जस्टिस मयंक कुमार जैन की एकल पीठ ने शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी व सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से सीपीसी के आर्डर 7 रूल 11 के तहत दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया था। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 अगस्त को दिए अपने आदेश में विवादित परिसर के सर्वे पर लगी रोक को नवंबर तक बढ़ा दिया है।