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Mayawati Expelled Nephew Akash Anand’s Father-In-Law From BSP : मायावती ने भतीजे आकाश आनंद के ससुर को बीएसपी से किया निष्कासित

Mayawati Expelled Nephew Akash Anand’s Father-In-Law From BSP : मायावती के करीबी नेताओं में शुमार रहे डा. अशोक सिद्धार्थ दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल समेत 5 प्रांतों के बीएसपी प्रभारी रह चुके हैं। वहीं मेरठ के पूर्व सांसद नितिन सिंह को भी मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर डा. अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। डा.  अशोक सिद्धार्थ दक्षिणी राज्यों में बीएसपी प्रभारी रह चुके हैं। मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोपों के चलते डा. अशोक सिद्धार्थ पर कार्रवाई की है। वहीं मेरठ के पूर्व सांसद नितिन सिंह को भी मायावती ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है। इन दोनों नेताओं को पार्टी से निष्कासित किए जाने की जानकारी बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने खुद अपने सोशल मीडिया एकाउंट के जरिए दी है।

मायावती ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, बीएसपी की ओर से खासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डा. अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद नितिन सिंह, जिला मेरठ को चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से बीएसपी से निष्कासित किया जाता है। मूल रूप से फर्रुखाबाद के कायमगंज निवासी अशोक सिद्धार्थ मायावती के करीबी नेताओं में शामिल रहे हैं। ऐसा कहा जाता है मायावती के कहने पर ही उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर बीएसपी ज्वाइन की थी। मायावती ने डा. अशोक सिद्धार्थ को 2009 और 2016 में एमएलसी भी बनाया। बीएसपी के राष्ट्रीय सचिव के पद पर भी डा. अशोक सिद्धार्थ रह चुके हैं।

वहीं दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल सहित पांच प्रांतों के बीएसपी प्रभारी के रूप में भी डा. अशोक सिद्धार्थ कार्यभार संभाल चुके हैं। इसके अलावा मायावती ने उन्हें कानपुर-आगरा जोनल कोऑर्डिनेटर जैसे महत्वपूर्ण पद की भी जिम्मेदारी सौंपी थी। झांसी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद डा. अशोक सिद्धार्थ स्वास्थ्य विभाग में सरकारी नौकरी कर रहे थे। साल 2007 में कन्नौज के गुरसहायगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनाती के दौरान उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था और पूरी तरह से बीएसपी के साथ जुड़ गए थे।