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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में अब क्या होने वाला है? मातोश्री में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच मुलाकात, शिवसेना नेता ने ट्वीट कर…

Maharashtra Politics: शिवसेना नेता दीपाली सैयद के ट्वीट से सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि बीजेपी और शिवसेना एक हो सकते हैं। तो चलिए पहले जानते हैं कि उन्होंने ट्वीट में क्या लिखा। उन्होंने लिखा- ये सुनकर मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा है कि

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की सत्ता अब सीएम एकनाथ शिंदे के हाथों में है जिसका बीजेपी ने खुलकर समर्थन किया। शिंदे गुट और शिवसेना गुट के बीच जबरदस्त सियासी घमासान तक देखने को मिला था लेकिन अब शायद सियासी हवाएं अपना रुख बदल सकती हैं। दरअसल दावा किया जा रहा है कि जल्द ही उद्धव ठाकरे और सीएम शिंदे मुलाकात कर सकते हैं। इस दावे के बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी और शिवसेना फिर से एक हो जाएंगे। इस बात को हवा शिवसेना नेता दीपाली सैयद के ट्वीट ने दी है जो संकेत दे रहा है कि कुछ बड़ा होने वाला है। कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र में जो सियासी उठापटक हुई वो शिवसेना और बीजेपी का प्लान था। हालांकि कुछ का कहना है कि ये दांव दोनों ही पार्टियों के लिए अच्छा होगा।


बीजेपी की वजह से मिल रहे दोनों गुट

शिवसेना नेता दीपाली सैयद के ट्वीट से सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि बीजेपी और शिवसेना एक हो सकते हैं। तो चलिए पहले जानते हैं कि उन्होंने ट्वीट में क्या लिखा। उन्होंने लिखा- ये सुनकर मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा है कि आने वाले दो दिनों में आदरणीय सीएम शिंदे साहब और आदरणीय उद्धव साहेब मुलाकात करेंगे और शिवसैनिकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बातचीत करेंगे। एकनाथ शिंदे जी पहले से ही शिवसैनिकों की भावनाओं का ध्यान रखते आए हैं और उद्धव साहब ने परिवार के मुखिया की भूमिका भी पूरे दिल से निभाई है। दोनों को साथ लाने के लिए बीजेपी का तहेदिल से धन्यवाद। अब  हॉट स्पॉट इंतज़ार कर रहा होगा।

मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की सियासत में आएगा बड़ा मोड़!

इस ट्वीट के बाद माना जा रहा है कि इन दोनों को मिलाने के पीछे बीजेपी का बड़ा हाथ है और इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की सियासत बड़ा मोड़ ले सकती हैं। वहीं कयास ये भी लगाए जा रहे हैं ये मात्र सिर्फ एक औपचारिकता है। अब देखना होगा कि वाकई मुलाकात होगी या नहीं और ये मुलाकात कौन सा नया मोड़ लेती है। गौरतलब है कि पद से इस्तीफा देने से पहले ही उद्धव ठाकरे ने नाराज विधायकों और सांसदों से बात करने की कोशिश की थी लेकिन बागी विधायकों की मांग थी कि वो कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार नहीं चलाएंगे।