नई दिल्ली। अमेरिका के 3 दिवसीय दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ मॉर्निंग कंसल्ट के ग्लोबल लीडर्स अप्रूवल लिस्ट में टॉप पर काबिज हुए तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका में उनका डंका बज रहा है। पीएम मोदी ने आज (23 जून) राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मुलाकात की। इसके साथ ही दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने इस बैठक में कई मुद्दों को लेकर बातचीत की, जिसमें पांच समझौतों को लेकर दोनों ही देश आगे बढ़ने पर सहमत हुए हैं। अपने सम्मिलित बयान में दोनों ही नेताओं ने आर्थिक सहयोग, रक्षा, AI, इंटेलिजेंस, कृषि क्षेत्र में व्यापक साझेदारी और सहयोग जैसे मुद्दों पर निकट भविष्य में मिलकर काम करने को लेकर बात कही।
President Biden and Prime Minister Modi welcomed India’s plans to procure General Atomics MQ-9B HALE UAVs. The MQ-9Bs, which will be assembled in India, will enhance the ISR capabilities of India’s armed forces across domains. As part of this plan, General Atomics will also… pic.twitter.com/fXx6B4Nf1s
— ANI (@ANI) June 22, 2023
रक्षा के क्षेत्र में बताया जा रहा है कि महत्वपूर्ण समझौते किए गए हैं। इस क्षेत्र में 5 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, इस डील के साथ ही भारत और अमेरिका के रिश्तों में और भी निकटता आएगी। ये पांचों समझौते बेहद ही महत्वपूर्ण हैं, इनसे रक्षा के क्षेत्र में भारत को एक बड़ा फायदा मिलेगा। पहले समझौते के तहत, भारत में बनाए गए स्वदेशी विमान तेजस के लिए सेकेंड जनरेशन जीई-414 जेट इंजन के निर्माण को लेकर साइन किए गए हैं। जानकारी एक अनुसार, भारत की एविएशन पार्ट्स का निर्माण करने वाली कंपनी हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड को अमेरिका तकनीकी सहायताएं प्रदान करेगा।
अगर बात करें दूसरे समझौते की तो इसके अनुसार दोनों देश M-777 लाइट होवित्जर तोपों को अपग्रेड करने पर कार्य करने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि इन तोपों का निर्माण कहां किया जाएगा। वहीं यदि बात करें तीसरे समझौते की तो उसके मुताबिक दोनों देश स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहनों का साझा उत्पादन करेंगे, बताया जा रहा है कि इसमें से ज्यादातर वाहनों का निर्माण भारत में होगा। वहीं दोनों देशों के बीच जो चौथा समझौता किया गया है उसके अनुसार अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन भारत को दिए जाएंगे जिससे भारत की सुरक्षा एजेंसियां विभिन्न सैन्य ऑपरेशन में इस्तेमाल कर सकेंगी, इस ड्रोन के निर्माण की जो भी तकनीकी है उसको अमेरिका भारत के साथ भी साझा करेगा। पांचवे समझौते के मुताबिक अमेरिका की दूर तक मार करने वाली बम मिसाइल का उत्पादन भी भारत के अंदर ही किया जाएगा। ये सभी पांचों समझौते भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।