नई दिल्ली। पूरे देश में कोविड-19 संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 6000 के करीब पहुंचने को है और केंद्र सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के तमाम उपाय कर रही है। अब कोरोनावायरस महामारी से लड़ने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन चरणों वाली रणनीति बनाई है।
केंद्र सरकार ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए राज्यों को एक पैकेज जारी किया है। केंद्र सरकार द्वारा इस पैकेज को इमरजेंसी रिस्पॉन्स एंड हेल्थ सिस्टम प्रेपेअरनेस पैकेज का नाम दिया गया है। बता दें ये पैकेज 100% केंद्र की ओर से फंडेड है और केंद्र का अनुमान ये है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लंबी चलने वाली है। केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जो चिट्ठी भेजी है उसके अनुसार ये प्रोजेक्ट तीन चरण में बंटा हुआ है।
इस प्रोजेक्ट का पहला चरण- जनवरी 2020 से जून 2020 तक, दूसरा चरण-जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक और आखिरी तीसरा चरण-अप्रैल 2021 से मार्च 2024 तक होगा। इसके अनुसार पहले चरण में Covid-19 अस्पताल विकसित करने, आइसोलेशन ब्लॉक बनाने, वेंटिलेटर की सुविधा के ICU बनाने, PPEs (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स)- N95 मास्क- वेंटिलेटर्स की उपलब्धता पर सरकारें अपना ध्यान केंद्रित करेंगी।
इसके साथ ही पहले ही चरण में लैब नेटवर्क्स और डायग्नोस्टिक सुविधाएं बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा सरकारी फंड का इस्तेमाल सर्विलांस, महामारी के खिलाफ जागरूकता लाने में भी किए जाने का प्रस्ताव होगा। इस सरकारी फंड का एक हिस्सा अस्पतालों, सरकारी दफ्तरों, जनसुविधाओं और एम्बुलेंस को संक्रमण रहित बनाने में भी इस्तेमाल किए जाने की बात की जा रही है। पहले चरण की ज्यादातर चीजों का पता चल चुका है। मगर दूसरे और तीसरे चरण में किन चीजों पर जोर दिया जाएगा ये अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है।
ये उस लेटर की कॉपी है-