
नई दिल्ली। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्रचीर से गुलामी की हर चीजों से राष्ट्र को विमुक्त कराने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि हमें उन सभी प्रतीकों से खुद को विमुक्त करना होगा, जो हमें गुलामी का एहसास कराती है। इस बीच उन्होंने जनपथ का नाम कर्तव्य पथ करने की बात कही थी। इस दिशा में आज मोदी सरकार ने राजपथ का नाम कर्तव्य पथ करने के संकेत दे दिए हैं। बता दें कि इस संदर्भ में आगामी सात सितंबर को एनडीएमसी की बैठक भी नियत की गई है। ध्यान रहे कि इससे पहले भी कई ऐतिहासिक स्थलों समेत स्मारकों के नाम परिवर्तित किए जा चुके हैं, जिसका समाज के एक बड़े तबके ने स्वागत किया है ।
Government of India to rename New Delhi’s historic Rajpath & Central Vista lawns as ‘Kartavya Path’: Sources pic.twitter.com/9wgi7j6fx8
— ANI (@ANI) September 5, 2022
आपको बता दें कि आगामी 7 सितंबर को एनडीएमसी की उक्त संदर्भ में बैठक होने वाली है, जिसमें राजपथ के नाकरण को लेकर अंतिम मुहर लग जाएगी। नेताजी स्टैच्यू से लेकर राष्ट्रपति भवन तक जो पूरी रोड जाती है, उसे कब कर्तव्य पथ कहा जाएगा। हालांकि, अभी तक इसे लेकर मोदी सरकार की तरफ से औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि आगामी सात सितंबर को एनडीएमसी की बैठक के उपरांत उक्त फैसले पर हरी झंडी दे जाएगी। बीते दिनों मोदी सरकार ने रेड कोर्स का नाम लोक कल्याण मार्ग कर दिया था।
ध्यान रहे कि बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि गुलाम की कोई भी प्रतीक भारत में नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि न्यू इंडिया में सबकुछ ताकतवर होना चाहिए। हमें न्यू इंडिया के तहत ऐसा कोई भी प्रतीक नहीं चाहिए जिससे किसी को भी गुलामी का एहसास हो। बहरहाल, सरकार के इस कदम के बाद लोग उनका जमकर स्वागत किया जा रहा है।