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Beware Pak: ये है मोदी सरकार का अगला एजेंडा, सुनकर दहल जाएगा पाकिस्तान

जीतेंद्र सिंह ने कहा कि पहले लोग कहते थे कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से जुड़े संविधान के अनुच्छेद-370 को कभी नहीं हटा सकती। इस दावे को झुठलाते हुए हमने ये लक्ष्य हासिल किया और अब हम गुलाम कश्मीर को वापस लेकर रहेंगे।

नई दिल्ली। सीएए, तीन तलाक और अनुच्छेद 370 के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपना अगला एजेंडा तय कर लिया है। मोदी सरकार के इस एजेंडे का खुलासा पीएमओ में राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह ने किया है। जीतेंद्र सिंह ने जो कहा है, उसे सुनकर पाकिस्तान का दहलना लाजिमी है। जीतेंद्र सिंह ने मीरपुर बलिदान दिवस के मौके पर दिल्ली में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने मोदी सरकार के अगले एजेंडे का खुलासा किया। जीतेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार का अगला एजेंडा पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके को वापस लेना है। उन्होंने कहा कि जिस नेतृत्व ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने की इच्छाशक्ति दिखाई, वो पाकिस्तान के अवैध कब्जे को भी खत्म करने की ताकत रखता है। जीतेंद्र सिंह ने कहा कि पहले लोग कहते थे कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से जुड़े संविधान के अनुच्छेद-370 को कभी नहीं हटा सकती। इस दावे को झुठलाते हुए हमने ये लक्ष्य हासिल किया और अब हम गुलाम कश्मीर को वापस लेकर रहेंगे।

Jitendra Singh

बता दें कि मीरपुर बलिदान दिवस हर साल 25 नवंबर को मनाया जाता है। पाकिस्तान ने 25 नवंबर 1947 को जम्मू-कश्मीर के मीरपुर-कोटली पर कब्जा कर हजारों लोगों की हत्या की थी। तब हजारों लोगों ने पलायन किया था। जीतेंद्र सिंह ने इस मौके पर भारत विभाजन को इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी बताया और जम्मू-कश्मीर का एक हिस्सा खोना दूसरी त्रासदी कहा। उन्होंने कहा कि राजनीति और राष्ट्रीय मुद्दे से ज्यादा मानवाधिकार के प्रति जिम्मेदारी है क्योंकि पीओके में लोग अमानवीय हालात में रह रहे हैं।

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जीतेंद्र सिंह ने कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने आजादी के समय 560 से अधिक रियासतों के विलय की जिम्मेदारी संभाली, लेकिन उन्हें जम्मू-कश्मीर मामले से बाहर रखा गया क्योंकि तब के पीएम जवाहरलाल नेहरू इस मसले को अपने स्तर पर संभालना चाहते थे। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में हमला किया, तो नेहरू वहां फौज भेजने से हिचकिचा रहे थे, लेकिन पटेल के हस्तक्षेप के बाद सिख रेजीमेंट के जवान श्रीनगर भेजे गए। जीतेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि भारतीय फौज जब पूरा जम्मू-कश्मीर पाक के चंगुल से छुड़ाने वाली थी, तभी नेहरू ने बिना किसी की राय लिए अपनी तरफ से युद्ध विराम कर दिया।