
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं, सिखों, बौद्ध और जैन धर्मों को मानने वाले वहां के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने संबंधी नियम जल्द लागू करने वाली है। इन नियमों को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत तैयार किया जाएगा। सीएए का बिल संसद से पास हुए 2 साल का वक्त बीत चुका है। इसके नियम तय करने के लिए गृह मंत्रालय ने संसद से कई बार वक्त मांगा। पिछली बार जो वक्त मांगा गया था, वो अब सितंबर के साथ ही खत्म हो जाएगा। सीएनएन-न्यूज18 चैनल ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि ये समयसीमा खत्म होने से पहले ही सीएए के नियम लागू किए जाएंगे।
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— News18 (@CNNnews18) September 19, 2023
चैनल ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी भी दी है कि जल्दी ही जनगणना कराने की तारीख का एलान मोदी सरकार कर सकती है। सीएए के नियम घोषित किए जाने के बाद जनगणना कराई जाएगी। जनगणना को 2021 में कराया जाना था, लेकिन कोरोना और अन्य वजहों का हवाला देकर सरकार ने अब तक इसे नहीं कराया। जनगणना के बारे में मोदी सरकार पहले बता चुकी है कि इस बार लोगों को खुद ऑनलाइन अपने और परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी देने की सुविधा मिलेगी। हालांकि, बाद में सरकारी कर्मचारी घर पहुंचकर इस जानकारी की तस्दीक करेंगे। जनगणना के लिए क्या-क्या जानकारी मांगी जाएगी, अभी इसका पता नहीं चला है।
अगर बात सीएए की करें, तो मोदी सरकार ने तमाम विरोधों के बीच बिल को पास कराया था। सिर्फ हिंदुओं, सिखों, बौद्ध और जैन धर्म मानने वाले पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने के लिए सीएए कानून बनाने का विपक्ष ने जमकर विरोध किया था। देश के कई हिस्सों में सीएए के खिलाफ आंदोलन हुए थे और हिंसा भी हुई थी। पहले माना जा रहा था कि सरकार शायद कृषि कानून की तरह सीएए को भी वापस ले ले, लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है।